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महिलाओं को डिप्रेशन की ओर धकेल रहा है वर्क स्ट्रेस, घर- ऑफिस के चक्कर में खुद को ना करें नजरअंदाज

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 21 Mar, 2023 03:28 PM
महिलाओं को डिप्रेशन की ओर धकेल रहा है वर्क स्ट्रेस, घर- ऑफिस के चक्कर में खुद को ना करें नजरअंदाज

मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण मंच ‘मनस्थली' ने नौकरी पेशा महिलाओं का समर्थन करने के लिए एक मानसिक कल्याण पहल की घोषणा की है।  इस पहल के तहत ‘मनस्थली' कई तरह के मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाती है और जरूरतमंदों संसाधन प्रदान करती है। इनमें कार्पोरेट सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं की ज़रूरत के अनुसार ऑनलाइन परामर्श सत्र, तनाव से निपटने की विधियों पर कार्यशालएं, एकाग्रता और ध्यान के सत्र और सेल्फ केयर के नुस्खे शामिल होते हैं।


महिलाओं के सामने है कई चुनौतियां

 मनस्थली वेलनेस की संस्थापक निदेशक डॉ. ज्योति कपूर का कहना है कि- ‘हमारा लक्ष्य है कि कार्पोरेट सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के लिए सुरक्षित माहौल बनाया जा सके और महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके और उनकी जिंदगी को संवारा जा सकें।'' डॉ. कपूर ने कहा कि संस्था वाली जगह पर महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को समझती हैं और उन्हें इन चुनौतियों से पार पाने के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध हैं।  

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कॉर्पोरेट सेक्टर की नौकरियां छोड़ रही है महिलाएं 

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि महिलाएं नौकरी के दौरान व्यक्तिगत और कार्यालय में अपनी भूमिका में संतुलन बिठाने में कई बार नौकरी की चिन्ता, मानसिक थकान, चिंता, एंग्जाइटी, निराशा, डिप्रेशन, गुस्सा, फोबिया और अन्य सामाजिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करती हैं। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ सालों से  महिलाओं ने कॉर्पोरेट सेक्टर की नौकरियां छोड़ दी है। एक अध्‍ययन में दावा किया गया था कि करियर में महिलाएं जैसे-जैसे आगे बढ़ती हैं उनमें डिप्रेशन का खतरा उतना ही ज्‍यादा होता चला जाता है। 


डिप्रेशन के लक्षण

- 2 हफ्ते या उससे ज्यादा मन उदास रहना
- किसी से बात ना करना
- कॉन्फिडेंट में कमी
- छोटी-छोटी बात पर रोना
- जल्दी थकान महसूस करना
- भूख में परिवर्तन या कमी
- घबराहट महसूस करना
- निर्णय ना ले पाना

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घर पर रहकर खुश है महिलाएं

कॉर्पोरेट सेक्टर में अधिकतर महिलाओं को मातृ्त्व अवकाश की प्रक्रिया सरल नहीं होने के चलते नौकरी से हाथ धोना पड़ता है। अधिकतर महिलाएं वर्क प्लेस पर बैरियर की वजह से भी नौकरियां छोड़ रही हैं। एक अध्‍ययन में यह बात सामने आई थी कि जब एक महिला अपने बच्चों की देखभाल और परिवार के लिए छुट्टी लेकर घर पर रहने लगती है तो उसकी मानसिक सेहत पर कोई खास नकारात्मक असर नहीं दिखता। वहीं इससे विपरित जाॅब के दौरान उनका शेड्यूल इतना बिजी हो जाता है कि वह खुद पर ध्यान देना ही भूल जाती है जिसका नतीजा खतरनाक साबित होता है। 


डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करें?


अगर आपको अकेलापन महसूस हो रहा है तो पहले खुद से पूछें कि इसका कारण क्या है। इसके अलावा रोज आधे घंटे के लिए कोई एक्सरसाइज, योग, डांस या स्विमिंग करें। योग और मेडिटेशन शरीर और दिमाग को फ्रेश व शांत करता है, जिससे डिप्रेशन कम होता है। इसके अलावा किसी से अपने मन की बात शेयर करें।

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मेंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए महिलाओं को पोषक तत्वों युक्त डाइट की जरूरत होती है लेकिन काम के चक्कर में वह अपने खान-पान के साथ समझौता कर लेती हैं। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल कर आप अपना ख्याल रख सकती हैं

हरी पत्तेदार सब्जियां

महिलाओं को अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सबजियां शामिल करनी चाहिए। इसके अलावा आपको सीजनल सब्जियों का सेवन भी करना चाहिए। 

अंजीर

इससे न सिर्फ महिलाओं की हड्डियां स्ट्रांग होती है बल्कि यह उनकी मेंटल हैल्थ के लिए भी फायदेमंद है।

नट्स

प्रोटीन, मिनरल और कैल्शियम से भरपूर नट्स का सेवन भी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है।  वहीं, अखरोट, काजू जैसे अन्य नट्स हार्ट हेल्थ के लिए बहुत जरूरी होते हैं।

तुलसी

एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुणों से भरपूर रोजाना तुलसी का सेवन महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप तुलसी की चाय या इसे दूध में मिलाकर भी पी सकती हैं।

हल्दी

हल्दी सबसे अच्‍छा इम्यूनिटी बूस्टर है और इसकी एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह महिलाओं को दिमागी प्रॉब्लम से भी बचाता है। इसके अलावा इससे आप ब्रैस्ट कैंसर जैसी बीमारी से भी बची रहती हैं।
 

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