यूट्रस या एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित कुछ महिलाओं में तब तक कोई लक्षण नहीं होते जब तक कि यह रोग अन्य अंगों में फैल न जाए। शोध के अनुसार, 100 में से लगभग 3 महिलाएं गर्भाशय कैंसर का सामना करती हैं। गर्भाशय कैंसर वाले 80% से अधिक महिलाएं इलाज के बाद 5 साल या उससे अधिक समय तक जीवित रहते हैं। हालांकि अगर समय रहते इलाज करवाया जाए तो काफी हद तक इलाज संभव है।
एंडोमेट्रियल कैंसर क्या है?
एंडोमेट्रियल कैंसर एक प्रकार का गर्भाशय कैंसर है जो गर्भाशय की अंदरूनी परत में शुरू होता है। इस अस्तर को एंडोमेट्रियम कहा जाता है।
असामान्य योनि
असामान्य योनि से रक्तस्राव या डिस्चार्ज एंडोमेट्रियल कैंसर का सबसे पहला संकेत है, जो हर 10 में से नौ महिलाओं में दिखाई देता है। ऐसे में इसे अनदेखा ना करें।
अनियमित पीरियड्स
मासिक धर्म ज्यादा समय रहना, अनियमित पीरियड्स, रजोनिवृत्ति के बाद योनि से खून बहना भी इसके लक्षणों में से एक है। इसके अलावा पानी जैसा खून के रंग का योनि स्राव हो तो उसे इग्नोर ना करें।
पेट के निचले हिस्से दर्द
पेट के निचले हिस्से या श्रोणि में दर्द भी इस कैंसर का संकेत है। यह दर्द समय के साथ-साथ बढ़ता रहता है और कई बार तो सूजन, पेट फूलना, अपच, मितली और हार्टबर्न जैसी परेशानियां भी दिखाई देती है।
बार-बार पेशाब आना
बार-बार पेशाब आना, यूरिन के साथ खून, यूरिन लीकेज की समस्या हो रही है तो इसे हल्के में ना लें। यह भी यूट्रस कैंसर का संकेत हो सकता है।
सांस लेने में दिक्कत
सांस लेने में दिक्कत और जरा-सा काम करने के बाद होने वाली थकावट भी इसका संकेत है। दरअसल, इस कैंसर की वजह से पेट में एक तरल पदार्थ बनता है, जो पेट की लाइनिंग पर असर डालता है। इसके कारण ये दिक्कतें हो सकती हैं।
संबंध बनाते समय दर्द
ओवरी में ट्यूमर या कैंसर होने के कारण संबंध बनाते समय भी असामान्य रूप से दर्द होता है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में डायसपारुनिया भी कहा जाता है।
अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ये लक्षण जरूरी नहीं कि गंभीर स्थिति के संकेत हैं लेकिन इनकी जांच करवाना जरूरी है।