देश की रॉयल फैमिली की रॉयल शादी का इंतजार तो हर किसी को है। मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के छोटे बेटे अनंत जल्द दूल्हा बनने जा रहे हैं, जिसकी तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है। बताया जा रहा है कि प्री-वेडिंग फंक्शन अंबानी परिवार के होमटाउन जामनगर में होंगे। इस शादी की खासियत यह है कि इसमें पारंपरिक भारतीय कला की समृद्ध विरासत को संजोया जाएगा। तभी तो गुजराती महिला कारीगरों को मेहमानों के लिए विशेष पारंपरिक स्कार्फ बनाने का काम सौंपा गया है।
अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की प्री-वेडिंग सेलिब्रेशन 1 मार्च से गुजरात में शुरू होगा, जिसमें कई सितारे शामिल होंगे। कुछ दिनों पहले कपल की शादी का कार्ड भी वायरल हुआ था जो जंगल थीम पर है। कार्ड के ऊपरी हिस्से में हिंदी में दोनों का पहला अक्षर लिखा हुआ है। बीच में अंबानी और मर्चेंट परिवार का नाम लिखा है। कार्ड के अलावा मेहमानों के लिए हाथ से लिखा हुआ इन्विटेशन भी भेजा गया है, जिसमें प्री-वेडिंग फंक्शन के सभी डिटेल्स दी गई है।
बताया जा रहा है कि इस शाही शादी में मेहमानों को भारतीय संस्कृति की सुंदरता का अनुभव मिलेगा। दिलचस्प बात यह है कि इस अवसर पर मेहमानों को गुजरात के कच्छ और लालपुर की महिला कारीगरों द्वारा बनाए गए पारंपरिक स्कार्फ मिलेंगे।रिलायंस फाउंडेशन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें गुजरात की महिलाएं अनंत और राधिका के विवाह समारोहों के लिए बंधनी स्कार्फ तैयार करते नजर आ रही हैं।
इस वीडियो को शेयर कर लिखा-"प्यार और विरासत के धागे: अनंत और राधिका के लिए बुना गया एक टेपेस्ट्री। भारतीय विरासत को श्रद्धांजलि देते हुए, अंबानी परिवार ने कच्छ और लालपुर की कुशल महिला कारीगरों को अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के आगामी संघ के लिए सपनों की टेपेस्ट्री बुनने के लिए नियुक्त किया है। यह स्वदेश समुदायों को सशक्त बना रहा है और सदियों पुरानी शिल्प कौशल को संरक्षित कर रहा है।
वीडियो में देख सकते हैं कि मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी खुद वहां पहुंची जहां महिलाएं काम कर रही हैं। वह उनके काम को बारीकी से देख रही हैं और उन्हें प्रोत्साहित भी कर रही हैं। ‘बांधनी’ तैयार करने वाले शिल्पकारों ने बताया कि अंबानी परिवार के साथ काम करने में उन्हे काफी खुशी मिल रही है। बता दें कि ‘बांधनी’ की परंपरा गुजरात के कच्छ, राजस्थान के सीकर और बीकानेर में खासा लोकप्रिय है. इन स्थानों पर बेहतरीन बांधनी और लहरिया के कपड़े बनाए जाते हैं।