आज कल के लाइफस्टाइल में शराब पीना एक स्टेटस सिंबल बन गया है। आस-पास के हालात देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा नशे में डूब रही हैं।शराब के बहाने यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि वह किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है। अब पर्दे के पिछे नहीं बल्कि खुलकर शराब के साथ जश्न मनाती हैं। हालांकि इससेहोने वाली बीमारियों और मौतों का प्रतिशत भी बढ़ा है।
महिलाएं कर रही अपनी सेहत से खिलवाड़
बहुत से महिलाएं इस बात से अनजान है कि खुद को बोल्ड और ओपन माइंडेड दिखाने के चक्कर में वह अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के शरीर में बेहद सीमित मात्रा में एल्कोहल डिहाइड्रोगेनेज (ADH) एंजाइम निकलता है जो लीवर में स्थित होता है और यह शरीर में अल्कोहल को तोड़ने का काम करता है। पुरुषों के पेट में ADH की मौजूदगी शराब के अवशोषण को 30% तक कम कर सकती है। इसके विपरीत, महिलाओं के पेट में लगभग कोई ADH नहीं होता है। इसलिए महिलाओं को जल्द शराब का नशा चढ़ जाता है।
महिलाओं को लगती है शराब की ज्यादा लत
वैज्ञानिकों का कहना है कि शरीर का फैट अल्कोहल को बचाए रखता है जबकि शरीर में मौजूद पानी उसके असर को कम करता है, ऐसे में प्राकृतिक तौर पर शरीर में ज्यादा फैट और कम पानी के चलते महिलाओं पर अल्कोहल का ज्यादा असर होता है। भले ही महिलाएं पुरुषों के मुकाबले एक उम्र में आकर शराब का सेवन करती हैं पर उन्हें इसकी लत बेहद जल्दी लग जाती है। ना चाहते हुए भी वह इसकी आदि हो जाती हैं।
गर्भावस्था में शराब पीने के बहुत हैं नुकसान
इसका मतलब है कि महिलाएं पुरुषों के बराबर शराब नहीं पी सकती हैं, क्योंकि इससे लीवर को ज़्यादा नुकसान होने की संभावना है। वहीं गर्भावस्था के दौरान शराब को हाथ तक नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि मां का खाना- पान बच्चे पर असर डालता है। कहा जाता है कि अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी के दौरान हफ्ते में एक बार शराब का एक पेग भी पीती है तो वो भी गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। उसकी ब्रेन ग्रोथ भी रुक सकती है। अगर मां ने शराब का सेवन किया तो बच्चे के व्यवहार संबंधी समस्याएं भी आ सकती हैं वह सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक आक्रामक होते हैं।
क्यों ज्यादा शराब पी रही हैं महिलाएं?
पिछले दशकों के मुकाबले महिलाएं अब देर से शादी कर रही हैं। ऐेसे में वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए शराब का सहारा ले रही हैं। भारत के आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं, इनमें एक बड़ी संख्या महिलाओं की भी है। आंकड़ों से पतस चला था कि देश केे राज्य अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाएं शराब की शौकीन होती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां 15 साल से ऊपर 24 प्रतिशत लड़कियां शराब पीती हैं।
महिलाओं में बढ़े मौत के मामले
दो दशकों के आंकड़ें देखने पर पता चला है कि महिलाओं में शराब से होने वाली मौतों की दर 14.7% बढ़ी है, वहीं पुरुषों में ये 12.5% है। आंकड़ों के मुताबिक 2000 से 2015 के बीच 45 से 64 साल की उम्र की महिलाओं में सिरोसिस से मौत के मामले 57 फीसदी बढ़ गएं हैं.। वहीं 25 से 44 साल की उम्र की महिलाओं के सिरोसिस से मौत के मामले 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है जबकि इसी वर्ग के पुरुष साथियों में सिरोसिस से मौत के मामले में 10 फीसदी की कमी देखी गई है। इतना ही नहीं शराब के ओवरडोज के बाद अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचने वाले महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है।