किसी भी शादी में आपसी समझ व धैर्य होना बेहद जरूरी होता है। इससे ही शादी मजबूत हो व खुशहाली से गुजरती है। बहुत से कपल्स अपनी शादी को हंसते- खेलते व जिंदगी के हर पल को एन्जॉ़य करके बिताते हैं। मगर इसके विपरित कुछ लोग जिंदगी में परेशानियों के आने का कारण ही शादी पर थोप देते हैं। ऐसे में उनकी शादी में दरार पड़ने लगती है । बहुत से लोगों का रिश्ता टूट कर तलाक लेने तक पहुंच जाता है। मगर शादी के टूटने पर जिंदगी में अकेले रहना बहुत ही मुश्किलों भरा काम है।
इस चीज का दर्द टीवी की मशहूर अभिनेत्री श्वेता तिवारी अच्छे से महसूस करती है। अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों के दिलों पर राज करने वाली श्वेता तिवारी 2 शादियां करवाने के बाबजूद भी आज अकेली है। वे अपने करियर और 2 बच्चों को अकेले ही संभाल रही है। वे अपनी जिंदगी की मुश्किलों को पार करती हुई जीवन के हर मोड़ पर खुद बेहतर बनाने का काम कर रही है। बहुत से लोग उनकी शादी के टूटने का कारण उन्हें ही मानते हैं। मगर यह पूरी सच्चाई नहीं है। श्वेता तिवारी के अनुसार, 'चीजें व परिस्थिति कभी भी गलत हो सकती है। मगर ऐसे में समाज व लोगों के डर से स्टैंड न लेना सही नहीं होता है। उन्होंने वहीं फैसला जो उनके बच्चों व उनके लिए एकदम सही था। साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने इस परिस्थिति से निकले के लिए साहस भी किया।'
तो चलिए ये तो थी टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी की बात। मगर क्या कभी किसी ने इस बात पर गौर किया है कि आखिर अपने पसंद के लड़के से शादी करने के बाद भी वह टूटने की कगार में क्यों पहुंच जाता है? ऐसे में व्यक्ति जिंदगी अकेले बिताते के लिए क्यों मजबूत हो जाता है? तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की कुछ वजह...
जल्दबाजी में शादी का फैसला लेना
कहा जाता है कि शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें दो लोग उम्र भर के लिए एक- दूसरे के साथ बंध जाते हैं। ऐसे में उनके सुख-दुख एक होते हैं। ऐसे में कुछ कपल्स तो अपने पार्टनर के साथ हर परेशानी शेयर कर व उनका हल निकालते हैं। साथ ही अपनी ऑफिस या किसी भी तरह की परेशानी या तनाव को पार्टनर पर हावी नहीं होने देते हैं। मगर इसके विपरित बहुत से लोग किसी भी तरह की परेशानियां आने का कारण जल्दबाजी में शादी करने पर थोप देते है। ऐसे में वे परेशानियों का हल निकालने की जगह रिश्ते को खराब करने लगते हैं। ऐसे में जिंदगी के एक मोड़ पर इनकी शादी न संभल पाने के चलते टूटने लगती है।
एक बात को पकड़े रखना
एक अध्ययन के अनुसार, किसी भी कपल में करीब 69% समस्याए कभी भी हल नहीं हो पाती है। इसके कारण ही उनका रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। असल में, लोग एक-दूसरे की भावनाओँ को समझने की जगह खुद के मसलों को ज्यादा बड़ा समझते हैं। साथ ही पार्टनर की एक बात को पकड़ कर उस पर बहस करते रहने से मैरिड लाइफ पर नैगेटिव असर होता है। ऐसे में अगर आप एक-दूसरे को समझने की जगह खुद को ही हर काम व बात में सही मानते रहेंगे तो ऐसे में आपका रिश्ता टूटने की कगार में पहुंच जाएगा। इस तरह किसी बात को बढ़ाने की जगह शांति से बैठकर समस्या का हल निकालने में ही भलाई है।
एक-दूसरे के लिए समय न निकालना
काम अधिक होने या सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने के चलते कपल्स एक-दूसरे से अलग होने लगते हैं। इस तरह ज्यादा देर तक फोन से चिपके रहने रहना किसी भी रिश्तों को खराब करने व टूटने का मुख्य कारण बनता है। ऐसे में जो लोग एक-दूसरे को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं। उनका रिश्ता बस नाम का ही रह जाता है। इसके विपरित जो लोग अपने पार्टनर के साथ ज्यादा समय रहते हैं, बातों व समस्याओं को शेयर कर उसका हल निकालते है। उनका रिश्ता गहरा व मजबूत बनता है।
एक-दूसरे में रूचि रहना
किसी भी शादी के असफल होने के पीछे का कारण एक- दूसरे के प्रति प्यार व सम्मान व खत्म होना होता है। ऐसे में पति- पत्नी एक-दूसरे की जगह अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगते हैं। वे एक-दूसरे की परेशानियों का हल निकालने की जगह दूर होने लगते है। ऐसा में रिश्ता टूट ने लगता है।