भगवान शिव के प्रिय रुद्राक्ष सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सेहत के नजरिए से भी फायदेमंद माने जाते हैं। रुद्राक्ष से बनी माला पहनने से ना सिर्फ दिमाग शांत रहता है बल्कि इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। मगर, हर बीमारी के लिए एक नहीं बल्कि अलग-अलग रुद्राक्ष पहनना होता है। यहां हम आपको बताएंगे कि किस बीमारी से बचने के लिए कौन-सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
बीमारियों में क्यों फायदेमंद है रुद्राक्ष?
साइंस के मुताबिक, रुद्राक्ष पहनने से चुंबकीय प्रभाव के कारण शरीर की अवरूद्ध धमनियों और नसों की ब्लॉकेज दूर होती है। वहीं, इसे पहनने से ब्लड फ्लो तेज होता है और इसके गुण दर्द निवारक का काम करते हैं। यही वजह है कि खास तरह का रुद्राक्ष बीमारियों को दूर करने की क्षमता रखता है।
एक से लेकर 21 मुखी तक होते हैं रुद्राक्ष
1. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, धरती पर 21 मुखी रुद्राक्ष होते है लेकिन अब 14 मुखी रुद्राक्ष ही मिलते हैं। आपको लाल, पीला या सफेद धागे में बीज आकार में एक समान, बहुमुखी, चिकना और कांटो वाला रुद्राक्ष पहनना शुभ माना गया है।
2. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करते हुए रुद्राक्ष धारण करें। आप इसे सोना-चांदी या तांबे में जड़वाकर बाजु में भी पहन सकते हैं। मगर, ध्यान रखें कि टूटा-फूटा, कांटों के छिद्रयुक्त, बिना जुड़ा और कीड़े लगा हुआ रुद्राक्ष भूलकर भी ना पहनें।
अलग-अलग बीमारियों पर अलग-अलग मुखीरुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता हैआइए जानते हैं किस रुद्राक्ष से कौन-सी बामारी ठीक होती है...
एक मुखी रुद्राक्ष
शिवपुराण के अनुसार, एक मुखी रुद्राक्ष पहनने दिल व आंखों से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। वहीं, इसकी माला जपने से शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है, जिससे सिरदर्द से राहत मिलती है।
दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से फेफड़े, पेट के रोग, गैस, एसिडिटी, तनाव-अवसाद और आंख के रोग से निजात मिलती है। हिस्टीरिया बीमारी को कंट्रोल करने में भी यह रुद्राक्ष बहुत प्रभावी माना जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से रक्तविकार, ब्लड प्रेशर, कमजोरी, मासिक धर्म और अल्सर की समस्या से राहत मिलती है।
चार मुखी रुद्राक्ष
किडनी की समस्या, थायराइड, मस्तिष्क संबंधित रोग, डिप्रेशन, मनोरोग, कमजोर याददाश्त और हकलाकर बोलने जैसी परेशानी है तो चार मुखी रुद्राक्ष पहनना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
पांच मुखी रुद्राक्ष
पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, नाक-कान की बीमारी से राहत मिलती है। इसके अलावा लिवर और गाल ब्लेडर की समस्याओं में भी पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने की सलाह दी जाती है।
छह मुखी रुद्राक्ष
जिन लोगों को किडनी, गले, यौन रोग, यूरिन इंफेक्शन, अपच या आंखों की समस्या में समस्या रहती है उनके लिए यह रुद्राक्ष असरदार साबित हो सकता है।
सात मुखी रुद्राक्ष
हड्डी संबंधी समस्या रहती है तो सावन महीने में सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें। शिवपुराण के अनुसार, इससे हड्डियों के रोग दूर होते हैं।
आठ मुखी रुद्राक्ष
अनिद्रा, रात को बैचेना या मन में घबराहट होना, बार-बार नींद खुलने की समस्या तो आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करें। इससे आपकी समस्या दूर हो जाएगी।
नौ मुखी रुद्राक्ष
शरीर, जोड़ों, पीठ, कमर में लगातार दर्द रहत है तो नौ मुखी रुद्राक्ष पहनें। यह दर्द निवारक की तरह काम करता है। वहीं, इसका पानी पीने से दर्द से राहत मिलती है।
दस मुखी रुद्राक्ष
सभी रुद्राक्ष की तासीर गर्म होती है लेकिन यह कुछ ज्यादा ही गर्म होता है। ऐसे में जिन्हें अक्सर सर्दी-खांसी की समस्या रहती है उन्हें दस मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
शरीर या पीठ में दर्द रहता है तो 11 मुखी रुद्राक्ष पहनें। इसके अलावा प्री मैच्योर डिलीवरी से बचाने और शराब पीने की लत छुड़ावाने में भी 11 मुखी रुद्राक्ष फायदेमंद माना जाता है।
बाहर मुखी रुद्राक्ष
सूखा रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और रक्त संबंधी रोगों के उपचार में 12 मुखी रुद्राक्ष पहनने को कहा है।
13 मुखी रुद्राक्ष
मांसपेशियों से संबंधित रोगों में 13 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
14 मुखी रुद्राक्ष
अनिद्रा, तनाव और डिप्रेशन से निजात पाने के लिए 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।