22 DECSUNDAY2024 5:20:38 PM
Nari

Navratri की अष्टमी-नवमी को लेकर ना हो कंफ्यूज, दुर्गा पूजा का भी जान लें सही समय

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Oct, 2021 01:29 PM
Navratri की अष्टमी-नवमी को लेकर ना हो कंफ्यूज, दुर्गा पूजा का भी जान लें सही समय

हर साल नवरात्रि का पर्व 9 दिन मनाया जाता है लेकिन कई बार हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह पर्व 8 दिन पड़ता है। ऐसे में उपासक कंफ्यूज हो जाते हैं कि अष्टमी और नवमी कंजक पूजन कब करें। साल 2021 की शारदीय नवरात्रि भी 9 दिन की पड़ रहा है लेकिन आपको इन दोनों तिथियों को लेकर कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है।

कब है अष्टमी-नवमी पूजन?

दरअसल, हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार 9 और 10 तारीख एक साथ पड़ गई थी, जिसके कारण नवरात्रि का तीसरा और चौथा व्रत एक साथ आ गया। ऐसे में अब अष्टमी 13 अक्टूबर और नवमी 14 अक्टूबर को ही पड़ रही है इसलिए कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं। इसके बाद 15 अक्टूबर को दसंवी यानि दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।

अष्टमी तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि व मुहूर्त 12 अक्टूबर रात 9:47 मिनट से 13 अक्टूबर रात्रि 8:6 मिनट तक रहेगी। इस दिन अमृत काल सुबह 3ः23 मिनट से सुबह 4ः56 मिनट तक होगा जबकि ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4ः48 मिनट से शुरु होकर 5ः36 मिनट तक रहेगा।

नवमी तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि व मुहूर्त 13 अक्टूबर रात 8ः7 मिनट से 14 अक्टूबर शाम 6ः52 मिनट तक होगी। इस दिन पूजा का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11ः43 मिनट से दोपहर 12ः30 मिनट तक रहेगा जबकि अमृत काल सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 12ः35 मिनट तक है। नवमी का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4ः49 मिनट से 5ः37 मिनट तक है।

अष्टमी-नवमी तिथि में संधि पूजा का महत्व

अष्टमी समाप्त होने के आखिरी 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट के बीच वाले समय को संधि क्षण या काल कहा जाता है जोकि दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ होता है। मान्यता है कि संधि काल में ही मां दुर्गा ने असुर चंड और मुंड का वध किया था। इस दौरान मां को खास भोग लगाने और 108 दीपक जलाने की परंपरा है।

दशमी तिथि प्रारंभ व समाप्त

दशमी तिथि प्रारंभ: 14 अक्‍टूबर 2021 को शाम 06ः52 मिनट
दशमी तिथि समाप्‍त: 15 अक्‍टूबर 2021 को शाम 06ः02 मिनट तक

मां दुर्गा मूर्ति विसर्जन

9 दिन मां की पूजा अर्चना करने के बाद 10वें दिन भक्त उन्हें आदर सम्मान के साथ विदा करते हैं। इस साल दुर्गा विसर्जन के लिए 15 अक्टूबर सुबह 6ः22 मिनट से 8ः40 मिनट पर होगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, दुर्गा विसर्जन की अवधि महज 2 घंटे 18 मिनट की पड़ रही है।

Related News