मोटापा आज हर तीसरे व्यक्ति की समस्या बन गया है। कोई बढ़े हुए बैली फैट तो कोई जांघ, गले, व कूल्हों की चर्बी को लेकर परेशान है। हालांकि वजह घटाने के लिए लोग जिम में जाकर एक्सरसाइज भी करते हैं। वहीं घटाने के लिए वीगन (Vegan), कीटो (Keto) और क्रैश डाइट भी काफी ट्रैंड में हैं। उन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting)। वेट लूज के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का क्रेज काफी बढ़ रही है लेकिन कोई भी डाइट फॉलो करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग डाइट और कैसे करें फॉलो।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
यह एक ऐसा डाइट प्लान है, जिसमें व्रत की तरह लंबे समय तक भूखे रहना पड़ता है। इसमें आप 12 घंटे में ही मील्स ले ले सकते हैं और 14 से 18 घंटे तक कुछ नहीं खा सकते। साथ ही यह भी ध्यान रखना होता है कि डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स कम और प्रोटीन व फाइबर अधिक हो।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़ी जरूरी बातें...
1. 14-16 घंटे के उपवास में सिर्फ 8 से 10 घंटे में ही भोजन करें। साथ ही आप 8 से 10 घंटों के बीच 2 या 3 मील्स ही ले सकते हैं।
2. भूख को कंट्रोल करने के लिए पानी, कॉफी व लो-कैलोरी ड्रिंक पीएं।
3. हफ्ते के 5 दिन नॉर्मल दिनों की तरह भोजन कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि 500-600 कैलोरी ले सकते हैं। महिलाएं 500 और पुरुष 600 कैलोरी लें।
भूलकर भी ना करें ये गलतियां
1. ध्यान रखें कि फास्टिंग के दौरान ओवरईटिंग ना करें। साथ ही भोजन में कार्ब्स, वसा, प्रोटीन व फाइबर जैसे शामिल करें।
2. जंक फ्रूड्स, प्रोसेस्ड, डीप फ्राइड और पैकेज्ड फूड खाने से बचें। इससे आपकी सारी मेहनत खराब हो सकती है। इस दौरान आपको सिर्फ पौष्टिक आहार ही लेना है।
3. अगर डाइटिंग के दौरान भूख लगे तो व्रत तोड़ें और खाना खाएं। आप चाहें तो भूख मिटाने के लिए नट्स, हैल्दी स्नैक्स का सेवन भी कर सकते हैं।
अब जानते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग के बेहतरीन फायदे
दिल को रखे स्वस्थ
रिसर्च के अनुसार, यह डाइट दिल के रोगों व हार्ट अटैक का खतरा कम करती हैं। साथ ही इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
वजन घटाने में मददगार
इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और पाचन क्रिया सही रहती है, जिससे ना सिर्फ वजन कंट्रोल में रहता है बल्कि बैली फैट घटाने में भी मदद मिलती है।
पेट को रखे दुरुस्त
इससे पाचन क्रिया सही रहती है, जिससे कब्ज, गैस्ट्रिक जैसी परेशानियां दूर रहती है।
सेल्स को करती है रेजुवनेट
यह डाइट अच्छी सेल्स को रेजुवनेट करती है। साथ ही इससे बल्ड सर्कुलेशन व नर्वस सिस्टम भी सही रहता है।
मजबूत इम्यून सिस्टम
इससे इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे आप वायरस व बैक्टीरियल इंफैक्शन से बचाव होता है। साथ ही इससे आप सर्दी, खांसी व मौसमी बीमारियों के घेरे में भी नहीं आते।
कैंसर से बचाव
रिसर्च के मुताबिक, इससे कोलेन कैंसर का खतरा कम होता है। ऐसे में अगर आप भी कैंसर के खतरे से बचे रहना चाहते हैं तो यह डाइट जरूर फॉलो करें।
इन लोगों को नहीं करनी चाहिए डाइट
. जिन लोगों को खाने का विकार हो (ईटिंग डिसॉर्डर)
. प्रेगनेंट महिलाएं इंटरमिटेड फास्टिंग ना करें क्योंकि इस दौरान आपको ज्यादा न्यूट्रिशन की जरूरत होती है।
. टाइप-1 डायबिटीज मरीजों को भी यह डाइट नहीं लेनी चाहिए।
. जो लोग एथलीट है या गेम्स खेलते हैं उन्हें भी यह डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए।
ध्यान रखें कि कोई भी डाइट एक्सपर्ट से सलाह लिए बिना फॉलो ना करें। साथ ही डाइट कभी भी एक दम से शुरू ना करें ब्लकि धीरे-धीरे इसकी आदत बनाएं।