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क्या है डिस्लेक्सिया? जानिए बच्चों में दिखने वाली इस बीमारी के लक्षण

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 06 Mar, 2019 09:53 AM
क्या है डिस्लेक्सिया? जानिए बच्चों में दिखने वाली इस बीमारी के लक्षण

पीएम मोदी पिछले दिनों पहले डिस्लेक्सिया से जुड़ी एक वीडियो को लेकर ट्रोल हो रहे हैं। मगर आप जानते है कि डिस्लेक्सिया क्या हैं और बच्चों में इसका पता कैसे लगाया जा सकता हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते है इसके बारे में...

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आपने फिल्म  ‘तारे जमीन पर’ तो देखी होगी जिसमें ईशान नाम का बच्चा डिस्लेक्सिया बीमारी से पीड़ित होता है। मगर उसके पेरेंट्स उसकी इस बीमारी से अंजान होते है जिस वजह से वो उसके साथ बुरा व्यवहार करते हैं। दरअसल, इस बीमारी की पहचान कर पाना काफी मुश्किल है जिसे न पहचान पाने की गलती अधिकतर पेरेंट्स कर जाते हैं। 

 

क्या है डिस्लेक्सिया बीमारी? 

यह बीमारी एक लर्निंग डिसऑर्डर है, जिससे 3-7 फीसदी बच्चे ग्रसित होते हैं। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों को पढ़ने और किसी शब्द को बोलने में दिक्कत आती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चा के दिमाग को किसी भी इन्फॉर्मेशन को प्रोसेस करने में कठिनाई होती है। हालांकि उनकी बुद्धि या ज्ञान पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 

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बड़ी-बड़ी हस्तियां भी हो चुकी है इस बीमारी का शिकार 

दुनिया की दिमागदार हस्तियां जैसे वॉल्ट डिजनी, लियोनार्डो द विंसी, पिकासो, एल्बर्ट आइंस्टीन भी डिस्लेक्सिया से ग्रस्त थे। दरअस्त इन्हें भी अक्षरों को मैच करने या उन्हें बोलने में कन्फ्यूजन रहती थी। आपको बता दें कि कई सालों से साइकॉलजिस्ट, स्पेशल एजुकेटर्स और कॉग्निटिव साइंटिस्ट इस बीमारी पर रिसर्च कर रहे हैं ताकि इस बीमारी से निजात पाया जा सकें। 

 

डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चों में दिखने वाले लक्षण

- धीरे लिखना और पढ़ना
- समझने या सोचने में कठिनाई
- किसी बात को याद रखने में कठिनाई
- शब्दों को मिलाने में कन्फ्यूज़न रहना
-  एक जैसे दिखने वाले शद्बों में फर्क ना पहचान पाना
-  सुने हुए शद्बों को लिखने में दिक्कत आना
- दिशाओं को समझने या मैप को समझने में परेशानी होना
-  ज्यादा दिमाग लगाकर सोचने से सिरदर्द होना

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डिस्लेक्सिया बीमारी का कारण

वैसे तो इस बीमारी का पका कारण बता नहीं चल पाया है लेकिन माता-पिता या परिवार में अगर किसी को दिमाग से जुड़ी कोई भी परेशानी रही हो तो, उनके बच्चों में डिस्लेक्सिया बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती हैं। 

 


डिस्लेक्सिया बीमारी से बचाव के तरीके 

बच्चों को डिस्लेक्सिया से बाहर निकालने के लिए उसे हर शब्द व बेसिक बातें चित्र के जरिए समझाएं। 

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डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों के लिए पर्याप्त समय निकालें और उन्हें प्रतोसाहित करें। 

इसके अलावा उनके साथ अच्छा व्यवहार करें और उनके साथ धैर्य से पेश आना चाहिए। 

रिसर्च में की मानें तो बच्चों के लिए मैनुस्क्रिप्ट लेसन पढ़ने में मदद करता है। 

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इसके अलावा पेरेंट्स व टीचर्स को भी धैर्य रखना चाहिए। अगर बच्चा धीरे-धीरे पढ़ या किसी लेसन को लिख रहा है तो उसको ऐसा करने दीजिए न कि उसपर किसी तरह का प्रेशर डालने की कोशिश करें। 

बच्चे को रोजाना जल्दी जल्दी पढ़ने या लिखने की प्रेक्टिस करवाएं जो उसके ब्रेन के लिए काफी अच्छी बात हैं। मगर ऐसे में खुद को धैर्य बिल्कुल न खोएं क्योंकि यह आपके बच्चे को डरा सकता हैं। 

 

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