नारी डेस्क: बहुत से लोग नहाते समय अचानक पेशाब कर लेते हैं और इसे सामान्य मानते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह आदत समय के साथ कई शारीरिक और स्वच्छता से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। यूरो-गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. टेरेसा इरविन के अनुसार, नहाते समय पेशाब करना शरीर के नैचुरल रिफ्लेक्स को गड़बड़ा सकता है और आगे चलकर गंभीर दिक्कतें भी दे सकता है।
दिमाग पर गलत ट्रेनिंग का असर
जब आप नहाते समय पेशाब करते हैं, तो पानी गिरने की आवाज आपके दिमाग को “पेशाब करने का सिग्नल” देने लगती है। यानी धीरे-धीरे दिमाग इस आवाज को पेशाब से जोड़ लेता है।

इसका परिणाम यह होता है कि
नल खोलते ही बार-बार पेशाब का दबाव महसूस होने लगता है। मूत्राशय बिना जरूरत भी पेशाब के लिए संकेत देने लगता है। ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या हो सकती है। यह आदत आगे चलकर पेशाब को नियंत्रित करने की क्षमता पर भी असर डालती है।
मूत्राशय पूरी तरह खाली नहीं होता
शॉवर में खड़े होकर पेशाब करने से मूत्राशय उतनी अच्छी तरह खाली नहीं होता, जितना कि बैठकर या कमोड पर होता है।
ऐसा होने पर
ब्लैडर में थोड़ा-सा पेशाब बचा रह जाता है। बार-बार पेशाब लगने की समस्या बढ़ती है। संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। लंबे समय तक अधूरा ब्लैडर खाली होना भविष्य में ब्लैडर कमजोरी का कारण बन सकता है।
बाथरूम में गंदगी और बैक्टीरिया बढ़ते हैं
पेशाब में अमोनिया और कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। जब आप नहाते समय पेशाब करते हैं, तो यह गंदगी बाथरूम के फर्श और दीवारों पर फैल सकती है।

इसके कारण
बाथरूम में बदबू आने लगती है। बैक्टीरिया पनपते हैं। संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह घर के बच्चों और बुजुर्गों के लिए और भी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता है।
UTI (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) का खतरा
बार-बार नहाते समय पेशाब करना UTI का एक बड़ा कारण बन सकता है। इसकी वजह है पेशाब में मौजूद बैक्टीरिया का शरीर के संपर्क में तेजी से आना शॉवर के पानी के साथ बैक्टीरिया फैलना। मूत्रमार्ग में संक्रमण पहुंच जाना। यह संक्रमण महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है।
पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर होना
अगर यह आदत बार-बार दोहराई जाए, तो पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर होने लगती हैं।
इसके कारण
पेशाब रोकने की क्षमता घटती है। छींक, खांसी या हंसते समय यूरिन लीक हो सकता है। भविष्य में इनकांटिनेंस (पेशाब पर कंट्रोल कम होना) हो सकता है। महिलाओं में यह समस्या और अधिक दिखती है क्योंकि उनके पेल्विक फ्लोर प्राकृतिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं।
नहाते समय पेशाब आने से कौन-सी बीमारी हो सकती है?
अगर नहाते समय बार-बार पेशाब आए तो यह संकेत हो सकता है
ओवरएक्टिव ब्लैडर
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)
ब्लैडर पूरी तरह खाली न होना
किडनी की शुरुआती समस्या
पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन
अगर यह आदत बन जाए या पेशाब पर कंट्रोल कम होने लगे, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।

एक दिन में कितनी बार पेशाब करना सामान्य है?
एक स्वस्थ व्यक्ति सामान्यत दिन में 6 से 8 बार पेशाब करता है। 4 से 10 बार तक भी सामान्य माना जाता है। यह पानी पीने और शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है। अचानक ज्यादा या बहुत कम पेशाब आना भी किसी समस्या का संकेत हो सकता है। नहाते समय पेशाब करना भले ही छोटी आदत लगे, लेकिन इसका असर लंबे समय में आपकी हेल्थ, हाइजीन और पेल्विक फ्लोर पर पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि हमेशा टॉयलेट में ही पेशाब करें और इस आदत को शुरू से ही रोकें।