कोरोना वायरस के चलते लगभग 60 प्रतिशत कंपनियों के कर्मचारी घर से अपना काम कर रहे हैं। देखा गया है कि ऑफिस जाकर काम करने से भी ज्यादा घर पर अधिक घंटो काम करना पड़ रहा है। अब जब काम अधिक है तो कंपूयटर के सामने भी अधिक बैठना होगा, जिसके कारण कई लोगों को सिर में दर्द, चक्कर आना और आंखो से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे अंग्रेजी भाषा में 'कंप्यूटर विजन सिंड्रोम' कहा जाता है। यह समस्या 7 से 8 घंटे तक कंम्पूयटर पर बैठकर काम करने से होती है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
एम्स के डॉक्टर की राय
एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर तुषार अग्रवाल जी का कहना है कि घंटो टी.वी. स्क्रीन को देखने रहने से आपकी आंखों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। खासतौर पर बच्चों के लिए तो यह बहुत ज्यादा हानिकारक सिद्ध हो रहा है। बच्चों की ऑनलाइन स्कूलिंग जारी है, जिस वजह से उन्हें भी कई घंटों तक मोबाइल पर अपना समय व्यतीत करना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर्स द्वारा वर्क फ्रॉम होम के दौरान 'कंप्यूटर विजन सिंड्रोम' होने की खास चेतावनी दी जा रही है।
कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्ष्ण
-आखों में दर्द
-आंखों से पानी बहना
-सुबह उठते आंखे लाल होना
-आंख में पानी का सूख जाना।
-बैक पेन
-चक्कर आना
-स्क्रीन देखते वक्त धुंधला दिखाई देना
बचाव के तरीके
डॉक्टर्स द्वारा आंखों की इस परेशानी से बचने के कुछ उपाय भी बताए गए हैं। जैसे कि...
-छोटी स्क्रीन की जगह बड़ी स्क्रीन का इस्तेमाल करें, मोबाईल पर लंबे समय तक टाइपिंग बिल्कुल मत करें।
-काम करते वक्त आंखे झपकना मत भूलें, आंखे न झपकाने से भी आंखों का पानी सूख जाता है।
-स्क्रीन को आंखों से लगभग 2-3 फीट दूर रखें।
-हर आधे घंटे बाद सूरज का प्रकाश देखें।
-सुबह उगते सूरज को देखने से भी कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से बचा जा सकता है।
-काम करने के साथ-साथ पानी जरूर पीते रहें।
-अपनी टाइपिंग Font को बड़ा रखें।
खास टिप:
हर आधे या फिर 1 घंटे के बाद ब्रेक लेकर 20 फीट दूर पड़ी चीज को लगातार 20 सेकेंड तक देखें। ऐसा करने से आंखों पर स्क्रीन का पड़ा गलत प्रभाव खत्म होगा। बच्चों का खास ध्यान रखें कि वह 10 मिनट से ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल न करें। काम खत्म होने के बाद मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल न करें तो बेहतर होगा।