नारी डेस्क: रुद्राक्ष का धारण करना हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, खासकर सावन मास के दौरान। इस मास में भगवान शिव की पूजा और अनुष्ठान करने का विशेष महत्व होता है, जिसमें रुद्राक्ष का धारण भी शिव भक्ति में अत्यधिक प्रसन्नता लाता है। रुद्राक्ष एक प्राकृतिक धातु होता है, जिसे शिवजी के प्रिय माला में माना जाता है। इसे पहनने से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर विशेष लाभ होता है।
रुद्राक्ष धारण करने के लाभों में शामिल हैं:
आध्यात्मिक उन्नति
रुद्राक्ष पहनने से आत्मा को शांति और ध्यान में स्थिरता मिलती है। यह भक्ति और ध्यान के प्राप्ति में सहायक होता है।
शारीरिक लाभ
रुद्राक्ष का प्राकृतिक धातु होने के कारण इसका पहनना शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है। इससे रक्तचाप कम होता है और हृदय रोगों का जोखिम भी कम होता है।
ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, बुरे ग्रहों से रुद्राक्ष का पहनना उनके दुष्प्रभाव से रक्षा करता है।
सावन के सोमवार का महत्व
सावन के महीने में सोमवार को रुद्राक्ष का धारण करने से भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है। यह दिन भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अद्वितीय होता है।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम-
शुद्धि और व्रत
रुद्राक्ष का धारण करने वाले को मांस, मदिरा और धूम्रपान से बचना चाहिए। इन वातावरणिक पदार्थों से दूर रहना भगवान शिव के अनुष्ठान के विरुद्ध होता है।
स्नान के पश्चात
रुद्राक्ष को स्नान के बाद ही धारण करना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि वह पवित्रता के साथ धारण किया गया है।
व्यक्तिगत माला
किसी और की धारण की हुई रुद्राक्ष माला का प्रयोग नहीं करना चाहिए, और न ही अपनी माला किसी अन्य व्यक्ति को पहनने के लिए देना चाहिए।
ध्यान
रुद्राक्ष को पहनने से पहले ध्यान देना चाहिए कि यह लाल या पीले धागे में गुंथा हुआ हो। काले रंग के धागे में गुंथा रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष धारण के लाभ-
ग्रहों का संतुलन
रुद्राक्ष की माला धारण करने से बुरे ग्रहों का प्रभाव कम होता है और नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है।
सुरक्षा और स्थिरता
रुद्राक्ष का धारण करने से व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनता है जो उसे मुसीबतों से बचाता है और उसकी मानसिक स्थिति को स्थिर रखता है।
शारीरिक और मानसिक लाभ
रुद्राक्ष का प्राकृतिक धातु होने के कारण, इसका पहनना शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
ध्यान और अध्ययन में सहायक
पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए रुद्राक्ष की माला पहनने से ध्यान और एकचित्तता में सुधार होता है।
आत्मा के उद्धार का मार्ग
यह धारणा भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग को खोलती है और व्यक्ति को आत्मनिर्भरता में मदद करती है।
रुद्राक्ष का धारण करना धार्मिक और आध्यात्मिक प्रगति का माध्यम होता है, इसलिए इसे समझकर धारण करना चाहिए और सही नियमों का पालन करना चाहिए।
रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व, धार्मिक नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि इसका सही प्रभाव मिल सके और नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके। इसके अलावा, रुद्राक्ष की माला को धारण करते समय ध्यान देना चाहिए कि वह सही रंग और धागे में हो, जैसे लाल या पीले धागे में गुंथा हुआ।