वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमें दिशाओं की ऊर्जा का खास महत्व बताया गया है। पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण के अलावा चार कोणों की दिशाओं के बारे में भी इस शास्त्र में बताया गया है। उत्तर पूर्व को ईशान कोण, दक्षिण पूर्व को आग्नेय कोण, दक्षिण पश्चिम दिशा को नैऋत्य कोण और उत्तर पश्चिम दिशा को वायव्य कोण कहते हैं। हर दिशा का अपना अलग महत्व है क्योंकि इन दिशाओं की स्वामी और ग्रह भी अलग-अलग होते हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि कौन सी दिशा में कौन सी चीज रखनी शुभ होती है। आइए जानते हैं...
पूर्व दिशा
इस दिशा के स्वामी सूर्य ग्रह और देवराज इंद्र माने जाते हैं। इस दिशा को अच्छे स्वास्थ्य, बुद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है इसलिए मान्यताओं के अनुसार, जब भी घर का निर्माण करवाएं तो इस दिशा का हिस्सा खुला छोड़ देना चाहिए। इसके अलावा इस स्थान को थोड़ा नीचे ही रखना चाहिए इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है। वहीं यदि यह दिशा खराब हो तो सिरदर्द, हृदय रोग जैसी बीमारियां रहती हैं। यहां पर कभी भी सीढ़ियां नहीं बनवानी चाहिए।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर और स्वामी ग्रह बुध है। इसे बुद्धि, ज्ञान और मनन का प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र की मानें तो यह दिशा धन लाभ करवाने वाली होती है इसलिए यदि यहां पर कोई कमरा है तो वहां मां लक्ष्मी की तस्वीर जरुर लगानी चाहिए। इससे घर में कभी भी पैसे संबंधी समस्याएं नहीं आती।
पश्चिम दिशा
इस दिशा के स्वामी ग्रह शनि और देवता वरुण को माना जाता है। सफलता और प्रसिद्धि दिलवाने के लिए यह दिशा बहुत ही शुभ मानी जाती है। यदि घर के मुखिया का किसी कार्य में सफलता नहीं मिल रही तो इसका अर्थ है कि घर की इस दिशा में दोष है। यहां पर भारी सामान रखना शुभ माना जाता है मान्यताओं के अनुसार, इसे कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए। खाली छोड़ने से व्यापार में दिक्कतें आने लगती हैं।
दक्षिण दिशा
इस दिशा के स्वामी ग्रह मंगल और यमराज देवता माने जाते हैं। यह पद और प्रतिष्ठा को दर्शाती है। यहां पर भी भारी सामान रखना शुभ माना जाता है परंतु दक्षिण दिशा में कभी भी दरवाजा नहीं बनाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, यहां पर दरवाजा बनाना शुभ नहीं माना जाता। पानी की व्यवस्था और शीशा भी इस दिशा में लगाना शुभ नहीं माना जाता है।
ईशान कोण
इस दिशा के स्वामी ग्रह गुरु और देवता भगवान विष्णु माने जाते हैं। यह ज्ञान, विवेक और बुद्धि का सूचक मानी जाती है। इसे हमेशा साफ और खुला रखना चाहिए। इस दिशा में किसी भी खिड़की, दरवाजे बनवाने शुभ माने जाते हैं। इसके अलावा पूजा करने के लिए भी यह दिशा शुभ मानी जाती है।
आग्नेय कोण
इस दिशा के स्वामी शुक्र और देवता अग्नि देव माने जाते हैं यह दिशा अच्छी सेहत का संकेत देती है। यदि यह दिशा खराब हो तो स्त्री दोष लगता है घर के लोग आलसी हो जाते हैं। यहां पर रसोई बनवाना शुभ मानी जाती है।
नैऋत्य कोण
इस दिशा के स्वामी ग्रह राहु हैं और देवती नैऋती नाम की असुर स्त्री हैं। यह दिशा असुर और क्रूर कर्म करने वाली मानी जाती है। इस स्थान को ऊंचा और भारी ही रखना चाहिए। यहां पर जल का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
वायव्य कोण
इस दिशा के स्वामी चंद्रमा और देवता पवन देव माने जाते हैं। इसे हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए इससे रिश्तों में मिठास बनी रहती है। यहां पर हल्का फुल्का सामान ही रखना चाहिए। इस दिशा में रखना भारी सामान परेशानियां खड़ी कर सकता है।