ब्यूटी और वेलनेस की फील्ड में VLCC आज एक जाना-माना नाम है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के पूरे 18 देशों में इसकी पहुंच है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक वक्त में वंदला लूथरा ने इस कंपनी की शुरुआत मात्र 2 हजार रुपये से की थी लेकिन आज कंपनी की नेटवर्थ 1300 करोड़ रुपये पहुंच गई है। वंदना ने न सिर्फ अपनी कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया बल्कि सैकड़ों महिलाओं को कुछ अपना करने के लिए प्रेरणास्रोत भी बनीं। आज वो ब्यूटी और वेलनेस इंडस्ट्री का जाना-माना नाम हैं। आइए नजर डालते हैं वंदना की सफलता की कहनी पर एक नजर...
वंदना को मां से मिली लोगों के लिए कुछ करने की प्रेरणा
वंदना के पिता एक मैकेनिकल इंजीनियर थे और मां आयुर्वेदिक डॉक्टर। उनकी मां एक संगठन के जरिये लोगों की मदद करती थीं, जिससे वंदना को भी लोगों के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली।उन्होंने लोगों में बदलाव लाने की ठानी। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वो ब्यूटी एंड वेलनेस की पढ़ाई करने विदेश गईं। पढ़ाई के बाद भारत लौटने पर इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने की उसकी सोच और गहरी हुई, लेकिन सफर आसान नहीं था।
1989 में खोला देश का पहला ‘ट्रांस्फॉर्मेशन सेंटर’
वो चाहती थीं कि ब्यूटी को भी हेल्थ का हिस्सा माना जाए, लेकिन डॉक्टर्स उनकी बात से सहमत नहीं होते थे। लोगों को अपनी बात अपने अंदाज में समझाने के लिए 1989 में उन्होंने अपनी सेविंग से कंपनी की शुरुआत की। सिर्फ 2 हजार रुपये से दिल्ली में देश का पहला ‘ट्रांस्फॉर्मेशन सेंटर’ खोला। यह वो दौर था जब देश में वेलनेस मार्केट की शुरुआत हुई थी। वंदना के इस काम को बुलंदियों तक पहुंचाने का काम किया सीरियल ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ ने।
सीरियल लेकर आया बड़ा बदलाव
बता दें कि सीरियल की मुख्य किरदार जस्सी को ऐसी लड़की के तौर पर पेश किया गया था जो आकर्षक नहीं लगती थी, लेकिन बाद में उसका मेकओवर होते हुए दिखाया जाता है। हफ्ते दर हफ्ते जस्सी में बदलाव आता है। इस तरह से एक साधारण सी लड़की मॉर्डन बन जाती है। यीवी के इस किरदार के मेकओवर की जिम्मेदारी मिली थी वंदना की कंपनी VLCC को। एक इंटरव्यू में वंदना लूथरा ने कहा था, हमने पहली बार मेकओवर टीवी के एक कैरेक्टर के लिए किया था। वो इतना सराहा गया कि महिलाओं में अपना लुक बदलने की चाहत बढ़ी।वो ऐसा टर्निंग पॉइंट था जब लड़कियां और महिलाओं ने खुद में बदलाव लाना शुरू किया। इससे ट्रांसफॉर्मेंस सेंटर्स ने रफ्तार पकड़ी।
और ऐसे चढ़ती गईं सफलता की सीढ़ियां
महिलाओं को खुद में बदलाव लाने का यह कॉन्सेप्ट इतना पसंद आया कि वीएलसीसी का नाम तेजी से पॉपुलर होने लगा। ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर में क्रांति लाने और नाम रोशन करने के लिए 2013 में वंदना लूथरा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 2015 में फॉर्च्यून इंडिया ने उन्हें भारत की सबसे ताकतवर महिलाओं की फेहरिस्त में शामिल करते हुए 33वें पायदान पर रखा। अपने क्षेत्र में खास मुकाम बनाने के कारण मोदी सरकार ने उन्हें ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल का चेयरपर्सन बनाया।आज वीएलसीसी का कारोबार दुनिया के 12 देशों में फैला हुआ है।
कंपनी में 6 हजार से ज्यादा कर्मचारी
भारत और सिंगापुर में VLCC के अपने प्लांट हैं जहां वो अपने ब्यूटी प्रोडक्ट बना रही है। कंपनी में 6 हजार कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी के पास विशेषज्ञों की एक लम्बी-चौड़ी टीम है जिसमें डॉक्टर, साइकोलॉजिस्ट, न्यूट्रीशनिस्ट, ब्यूटीशियन, कॉस्मेटोलॉजिस्ट और फिजियोथेरेपिस्ट तक शामिल हैं। पिछले 32 सालों में कंपनी एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कंपनियों में शामिल हो गई है।