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बच्चेदानी को रसौलियों से बचाने के नैचुरल तरीके, पढ़ लें ये देसी नुस्खे

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 29 Nov, 2023 07:54 PM
बच्चेदानी को रसौलियों से बचाने के नैचुरल तरीके, पढ़ लें ये देसी नुस्खे

थायराइड, PCOD जैसे कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स के बीच यूट्रस फायब्रॉइड्स की समस्या भी आम हो गई है। फायब्रॉइड्स यानि बच्चेदानी की रसौलियां। पहले जहां 35 और 40 के बीच की महिला को ये समस्या होती थी, वहीं अब टीनएज लड़कियों को भी ये समस्या घेर रही हैं लेकिन इतनी छोटी उम्र की लड़कियों को भी यह समस्या क्यों हो रही है तो  बता दें कि  इस समस्या का कारण भी हमारा लाइफस्टाइल ही है। खान-पान की गलत आदतें और फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर होने के चलते छोटी उम्र में ही यह समस्या होने लगी है। चलिए इसी के बारे में आपको बताते हैं कि हम यूट्रस को हैल्दी कैसे रख सकते हैं लेकिन उससे पहले कुछ लक्षण जानिए जो यूट्रस में रसौलियां होने के बताए जाते हैं।

ये लक्षण रसौलियों के हो सकते हैं जिसे हम बच्चेदानी की गांठें कहते हैं और ये गांठें पीरियड्स से लेकर प्रैग्नेंसी तक, कई परेशानी पैदा कर सकती हैं।

अगर पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग और खून के मोटे थक्के आते हैं,
पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा पेन होता है,
बार-बार यूरिन आता है,
नाभि के नीचे दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है,
इंटरकोर्स के समय दर्द होता है,
पेट के निचले हिस्से में भारीपन महसूस होता है,
पेट में सूजन, ऐंठन और दर्द
कमजोरी और कब्ज रहती है।

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रसौलियां बन क्यों रही हैं?

ये रसौलियां क्यों बनती हैं इसकी कोई ठोस वजह नहीं पता चल सकी है हालांकि आमतौर पर इसकी वजह अनहैल्दी खान-पान, मोटापा, हार्मोनल प्रॉबल्म्स, गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन, सही उम्र में मां ना बनना और कुछ केसेज में आनुवांशिकता माने गए है। टीनएज लड़कियों में ऐसा होने की वजह अनहैल्दी लाइफस्टाइल हो सकता है।

वैसे तो यह दवाइयों की मदद से ठीक हो जाती हैं लेकिन अगर रसौलियों का आकार बड़ा हो चुका हो तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि कई बार भले ही यूट्रस में कोई फायब्रॉइड छोटा सा हो, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान वह भी गर्भ की तरह ही बढ़ने लगता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरी जांच बहुत जरूरी होती है।
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अब जानिए रसौलियों से बचने और खुद को हैल्दी रखने का मंत्र

अपनी डाइट में कुछ चीजों को जरूर शामिल करें। जैसे ग्रीन टी का सेवन करें। दिन में 1 से 2 कम ग्रीन टी जरूर पीएं। प्याज और लहसुन ज्यादा खाएं।

हल्दी का सेवन भी बहुत जरूरी है। आप हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं। पानी ज्यादा पीएं।

खट्टे फल खाएं। जैसे संतरा मौसमी, नींबू कीवी आदि। आंवला जरूर लें। रोजाना एक चम्मच आवंला पाउडर पानी या एक चम्मच शहद के साथ खाली पेट लें।

मुट्टीभर बादाम जरूर खाएं। सूरजमुखी के बीजों में भी काफी सारा अच्‍छा फैट और फाइबर होता है जो रसौली बनने नहीं देते।

एक्सरसाइज और सैर जरूर करें। पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, मंडुकासन, पवनमुक्तासन योगासन करें।

क्या ना खाएं?

प्रोसेस्ड फूड, तली भुनी चीजें, मैदा पेस्ट्री और हाई शुगर चीजें खाने से परहेज करें।

लाइफस्टाइल हैल्दी होगा तो आप हर तरह की बीमारियों से बची रहेगी। इससे आप सिर्फ अपनी यूट्रस नहीं बल्कि शरीर को अन्य कई बीमारियों से बचाए रखेंगी। 

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