चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि वाले दिन कामदा एकादशी मनाई जाती है। इस बार यह शुभ तिथि 19 अप्रैल को पड़ रही है। शास्त्रों में कहा गया है कि कामदा एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा एकादशी का व्रत करने से जन्म मरण के बंधन से मुक्त होकर व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में भी इस एकादशी का खास महत्व बताया गया है। कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में कोई कमी नहीं होती और हर मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा कामदा एकादशी के कुछ उपाय भी बताए गए हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।
पूरी होगी हर मनोकामना
एकादशी वाले दिन 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का जाप करें। शाम के समय तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। इस दिन भगवान विष्णु को सात्विक चीजें ही भोग के तौर पर दें भगवान विष्णु के प्रसाद में तुलसी का इस्तेमाल जरुर करें। इस उपाय को करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार के सदस्यों की भी उन्नति होती है।
पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा
यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके साथ ही इस दिन तर्पण भी करें। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों के नाम का दान भी जरुर करना चाहिए इससे पितृ खुश होते हैं और पितृदोष दूर होता है। इस उपाय को करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं और व्यक्ति को सुख-संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
कामदा एकादशी वाले दिन हल्दी लेकर पीले रंग के कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इसके बाद यह पोटली भगवान विष्णु को चढाएं, फिर इस पोटली को धूप दीप अर्पित करें। इसके बाद पोटली को धन के स्थान जैसे अल्मारी या फिर तिजोरी में रख दें। इससे धन धान्य में बढ़ोतरी होगी और आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनेगी।
पैसे की कमी होगी दूर
एकादशी वाले दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना भी जरुर करें। इसके साथ इस दिन सहस्त्रनाम और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा और धन की कमी भी दूर होगी।
ग्रहों का अशुभ प्रभाव होगा कम
कामदा एकादशी वाले दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना के बाद शमी के पौधे की पूजा करें। पौधे की नीचे आटे का दीपक जलाएं और उसमें कपूर और हल्दी भी मिलाएं। ऐसा करने से रुका हुआ धन वापिस मिलता है और ग्रह नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव भी खत्म होगा।
नोट: ऊपर दी गई सूचना सिर्फ जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है।