उत्तर भारत में ठंड का कोई हिसाब नहीं है। हर बार की तरह इस बार भी ठंड सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। सर्द हवाओं और घने कोहरे को देखते हुए पंजाब और दिल्ली सरकार ने बच्चों को राहत दी है और कुछ समय के लिए स्कूल बंद कर दिए है। हालांकि स्कूल बंद होने का मतलब ये नहीं है की बच्चे सर्दी- जुकाम और फ्लू से सुरक्षित है। बच्चे लापरवाह होते हैं और उन्हें ठंड से बचा कर रखना एक टास्क है। दवाएं भी जिद्दी सर्दी से बचाने में काम नहीं आती है। बेहतर ये है कि आप दवाओं की जगह देसी नुस्खे का इस्तेमाल करें। ये असरदार तो होता ही है और सर्दी से बच्चे को बचाकर रखने का सहायक है...
बादाम
ठंड के समय में बादाम बच्चों के लिए अमृत से कम नहीं है। रात में बादाम भिगों दे और सुबह इसे पत्थर की बाट पर घिंसकर बच्चे को दें। इससे ये ज्यादा फायदा पहुंचाता है। इसी में बच्चे के मुताबिक 2-3 राउंड जायफल भी घिस सकती हैं। घिसा बादाम बहुत फायदा करता है। इसे दूध में केसर के साथ उबालकर भी दे सकती हैं।
हल्दी-दूध और केसर का जादू
बच्चों को सर्दी में हल्दी-दूध और केसर मिलाकर दे सकते हैं। ये शरीर को गर्म रखता है। अगर हल्दी को दूध में अच्छी तरह पका दिया जाए तो ये कड़वाती नहीं है और बच्चे आराम से पी लेते हैं। इसमें केसर के कुछ स्ट्रैंड डालें और गुड़ मिलाकर बच्चों को दें। अगर हल्दी दूध न लें तो केसर वाला दूध दें। इसमें एक चम्मच घी मिला देंगी तो बच्चों को कॉन्सटिपेशन से निजात मिल जाएगी।
सेंधा नमक और सरसों का तेल
एक पैन में सरसों का प्योर तेल उबालें और उसमें एक चम्मच अजवाइन, एक चम्मच मेथी, जरा सी हींग और कुछ कलियां लहसुन की भून लें। इस तेल को छान लें और शीशी में भर लें।ये बच्चे के तलवे पर घिसें और हाथ की हथेलियों पर भी। इससे ठंड से बचाव होता है. ये सोने के पहले करें। सेंधा नमक एक बाट पर लें और इसमें देशी घी मिलाकर तब तक घिसें जब तक ये महीन क्रीम जैसे पेस्ट में न बदल जाए। इसे बच्चे की छाती पर लगाएं, इससे कफ ढ़ीला पड़ता है।
बच्चे को धूप में बिताएं
बच्चों को ठंड में सूरज की रोशनी में जरूर बिठाएं। ये सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है। धूप दिखाना एक नेचुरल इलाज है, बस ये देख लें कि उस समय हवा बहुत तेज न हो। अगर ऐसा हो तो उन्हें खुले में न रहने दें, हवा ज्यादा नुकसान करेगी।