रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जा चुकी है। भगवान राम को अयोध्या में लाने के लिए लोगों ने दिल खोलकर दान दिया था। कहीं से डेढ़ महीने तक खुशबू बिखेरने वाली अगरबत्ती आई तो कहीं से 101 किलो सोना दान किया गया था। राम भक्तों ने अपनी क्षमता के अनुसार भगवान राम के चरणों में अपना दान रखा था। वहीं इसी बीच सूरत के व्यापारी ने भी 101 किलोग्राम सोना दान किया था । सूरत के इस व्यापारी का दान सबसे बड़ा दान माना जा रहा है। लेकिन यह दान किसने दिया है और वह कहां के रहने वाले हैं। आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं।
दिलीप कुमार वी. लाखी ने किया 101 किलो सोना दान
गुजरात के सूरत में रहने वाले दिलीप कुमार वी लाखी ने राम मंदिर के लिए 101 किलो सोना दान दिया है। दिलीप कुमार वी लाखी सूरत के सबसे बड़ी हीरा फैक्ट्रियों में से एक के मालिक हैं। आपको बता दें कि उनका परिवार सूरत में सबसे बड़े हीरे के व्यापारियों में से एक हैं। उनका परिवार लंबे समय से डायमंड के कारोबार में है। उनके द्वारा दिए गए सोने में राम मंदिर के दरवाजे गर्भगृह, त्रिशुल, डमरु और स्तंभों को चमकाने के लिए किया गया है। यह मंदिर ट्रस्ट को अब तक मिला सबसे बड़ा दान है।
13 साल की उम्र से संभाल रहे हैं कारोबार
दिलीप कुमार के पिता विशिनदास होलाराम भारत पाकिस्तान के विभाजन से पहले 1944 में जयपुर आ गए थे। 13 साल की उम्र में दिलीपकुमार ट्यूशन लेते थे और अपने खाली समय में व्यवसाय संभालते थे। धीरे-धीरे उन्होंने अपने पिता का व्यवसाय संभाल लिया। 1972 में जब दिलीप कुमार की उम्र 22 साल की थी तो उनके पिता ने उन्हें मुंबई के ज्वेलरी बाजार के एक केंद्र स्थापित करने के लिए भेजा। दिलीप कुमार ने अपने पिता के भरोसे को मजबूत किया और फिर डायमंड के व्यापार में बड़ी तरक्की हासिल की। आज दिलीप कुमार लाखी के पास भारत के सूरत में शायद दुनिया की सबसे बड़ी हीरा पॉलिशिंग फैक्ट्री है जिसमें 6,000 से ज्यादा कमर्चारी काम करते हैं।
ग्राहकों की पसंद पर करते हैं फोकस
दिलीप कुमार की तरक्की का मुख्य कारण है कि वे ग्राहकों की जरुरत के अनुसार, काम करते हैं। ग्राहकों की बदलती हुई जरुरतों को पूरा करने के लिए उनकी कंपनी नए-नए प्रयोग करती हैं। कंपनी में सभी प्रमुख पद लाखी परिवार के द्वारा ही संभाले जाते हैं। दिलीपकुमार के तीन भाई मोतीराम वी लाखी प्रकाश वी लाखी और दीपक वी लाखी, हांगकांग, न्यूयॉर्क और संयुक्त अरब अमीरात में कंपनी का काम देखते हैं।