नारी डेस्क: उम्र तो सिर्फ एक नंबर, इसे सही साबित करके दिखाया पंजाब के जालंधर की एक महिला ने, जिन्होंने अपनी बेटी के साथ पढ़ाई करते हुए ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर ली है। अपनी 25 वर्षीय दृष्टिबाधित बेटी के जीवन में रोशनी लाने के लिए इस मां ने जो किया वह काबीले तारीफ है। चलिए जानते हैं इस मां- बेटी की जोड़ी की उपलब्धि की पूरी कहानी।
मनप्रीत कौर की शादी 18 साल की उम्र में हो गई थी, इसलिए वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाई। उनकी दृष्टिबाधित बेटी ने लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर विमेन में मानविकी स्ट्रीम में दाखिला लिया, ऐसे में मनप्रीत को लगा कि बेटी को पढ़ाने के साथ- साथ वह खुद भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती है। मां और बेटी ने मिलकर अपनी ग्रेजुएशन पूरी की।
मां- बेटी की ये कहानी तब चर्चा में आई जब दोनों ने एक साथ डिग्री हासिल की। सिविल सेवा में जाने की इच्छा रखने वाली गुरलीन ने कहा- "हम दोनों ने दो समान विषय चुने - इतिहास और राजनीति विज्ञान। जबकि मैंने तीसरा विषय वैकल्पिक अंग्रेजी चुना, मेरी मां पंजाबी में अधिक सहज थीं। मनप्रीत ने अपनी बेटी के लिए ना सिर्फ ब्रेल भाषा सीखी बल्कि उसके लिए ऑडियो पुस्तकें भी तैयार कीं।
मनप्रीत का कहना है कि-"ऑडियो पुस्तकें रिकॉर्ड करना आसान नहीं था। मुझे नहीं पता था कि इस स्तर पर सीखना और परीक्षा देना इतना मुश्किल हो सकता है। अगर गुरलीन और उसके पिता ने मुझे प्रोत्साहित नहीं किया होता, तो मैं पहले साल के बाद ही पढ़ाई छोड़ देती।”
गुरलीन के पिता सुखविंदर अरोड़ा ने कहा- “अपनी पत्नी और बेटी दोनों को एक साथ डिग्री प्राप्त करते देखना बहुत अच्छा लगा। दोनों को दीक्षांत समारोह में खड़े होकर तालियां बजाई गईं।” गुरलीन सिविल सेवाओं के लिए ऑनलाइन कोचिंग ले रही हैं, वहीं मनप्रीत का ऑडियो नोट्स उपलब्ध कराने का कर्तव्य अभी खत्म नहीं हुआ है।