गुलाब का फूल सिर्फ देखने में ही खूबसूरत नहीं होता, इसकी खुशबू भी लाजवाब होती है। आमतौर पर लाल रंग का गुलाब देखने को मिलता है, लेकिन इसकी तमाम प्रजातियां हैं। गुलाब के करीब 1600 किस्में आपको रोज गार्डन में देखने को मिल जाएंगी। ये रोज गार्डन चंडीगढ़ में हैं।
30 एकड़ से ज्यादा जगह में बने इस रोज गार्डन को एशिया का सबसे बड़ा रोज गार्डन माना जाता है। यहां 1600 किस्म के करीब 50,000 गुलाब खिलते हैं। इसके अलावा यहां कई अन्य फूल और पौधे भी मौजूद हैं। इस गार्डन में देश के ही नहीं बल्कि विदेश से भी सैकड़ों प्रजातियों के गुलाब हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं। 1967 में चंडीगढ़ के पहले प्रशासक डॉक्टर मोहिंदर सिंह रंधावा ने रोज गार्डन का निर्माण करवाया था। देश के तीसरे राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने इसे रोज गार्डन का नाम दिया था। इस गार्डन को जाकिर हुसैन रोज गार्डन कहा जाता है।
रोज गार्डन और प्लाजा को जोड़ता है खास अंडरपास
रोज गार्डन को सुंदर बनाने के लिए जहां पर गुलाब के फूल, फब्वारे तो हैं ही, वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए सेक्टर-17 प्लाजा और रोज गार्डन के बीच अंडरपास बनाया है। अंडर ब्रिज के अंदर लगाई गई ग्रीनरी न सिर्फ शहर को अलग पहचान दिलाती है बल्कि यहां पर आने वाले पर्यटकों को भी खास अनुभव देती है। इसी के साथ इस अंडर ब्रिज के अंदर साल भर विभिन्न प्रकार की एग्जीबिशन लगाए जाते हैं जो कि अलग-अलग स्तर के कलाकारों को प्रमोट करती है। यह अंडरपास सेक्टर-17 से रोज गार्डन को जोड़ता है।
हर साल फरवरी में होता है रोज फेस्टिवल
शहर के जाकिर हुसैन रोज गार्डन को प्रमोट करने और पर्यटकों के लिए हर वर्ष नगर निगम चंडीगढ़ की तरफ से फरवरी महीने रोज फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। तीन दिन तक चलने वाले इस रोज फेस्टिवल में फूलों के साथ मनोरंजन और खरीदारी के लिए स्टॉल लगाए जाते हैं।