भागदौड़ भरी जिंदगी और दूसरी से आगे निकलने की होड़ लोगों को डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारियों की ओर धकेलती है। लोग अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं लेकिन मन की बात को किसी से शेयर नहीं करते। यही उनकी मौत की वजह बनती है। डिप्रेशन कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। इससे उभरा जा सकता है, हैल्दी डाइट व सही लाइफस्टाइल अपनाकर। इसके अलावा योग भी ऐसा जरिया है, जो ना सिर्फ डिप्रेशन बल्कि कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है।
आज हम आपको कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो डिप्रेशन, तनाव और एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियों को आपके आस-पास भी नहीं फटकने देंगे।
मेडिटेशन
मेडिटेशन यानी की ध्यान लगाना। दिनभर की भागदौड़, काम के प्रैशर आदि से आज 5 में 2 व्यक्ति मानसिक तनाव यानी डिप्रैशन का शिकार है। इससे मुक्ति पाने का सबसे बेहतर विकल्प है ध्यान लगाना। मेडिटेशन से आत्मिक शांति मिलती हैं। वहीं, मन की एकाग्रता के साथ कार्य शक्ति भी बढ़ती है।
बालासन
इस आसान को करने से तनाव और थकान में छुटकारा मिलने के साथ ही अवसाद में राहत मिलती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक शांत जगह पर बैठकर पैर को मोड़ें और एड़ियों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को जांघों पर टिका लें। अब अपने सिर को नीचे झुकाते हुए जमीन पर रख लें और अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ करके सांसो पर नियंत्रित रखें।
शवासन
शवासन से दिमाग शांत रहता है और तनाव व डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। कम से कम 5 से 30 मिनट तक इसी अवस्था में रहें।
सुखासन
सुखासन को करने से सुख व शांति मिलती है इसलिए इसे सुखासन कहते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और अवसाद में राहत मिलती है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं। फिर सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा करें और आंखों को बंद करते हुए अपनी हथेलियों को घुटनाें पर रखें। दोनों कंधों को ढीला छोड़कर एक सीध में लाएं। सांस को अंदर-बाहर छोड़ें। कुछ देर इस स्थिति में रहने के बाद सामान्य हो जाए।
भुजंगासन
यह आसन एड्रेनैलिन ग्रंथि को प्रभावित करके एड्रेनैलिन हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है। इससे आपकी तनाव, चिंता, डिप्रैशन जैसी प्रॉब्लम दूर हो जाती है। सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और धीरे से खुद को बाहों पर जोर डालकर ऊपर उठाएं। जितनी देर हो सके इस पोज में रहें। शरुआत में 5 से 6 सेकेंड से ज्यादा इस आसन को न करें। बीच-बीच में सांस लेने के लिए आप नीचे झुक भी सकते हैं। बीच-बीच में आराम देकर इस आसन को 4 से 5 बार करें।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और यह उदासी को दूर करता है। इससे आप डिप्रेशन से बचे रहते हैं। सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को कूल्हे की तरफ खींचें। अब दोनों पैरों में थोड़ा अंतर रखकर हाथों-पैरों के टखनों को पकड़ लीजिए। इस बात का ख्याल रखें कि आपके पैर एक-दूसरे के समानांतर न हों। अब अपनी पीठ, कूल्हे और जांघों के साथ ऊपर की ओर उठने की कोशिश करें। कमर को ज्यादा से ज्यादा ऊपर उठा लें और सिर व कंधे जमीन पर ही रहने दें। ध्यान रखें कि आपकी ठुड्डी आपकी छाती से टच करती हो। इसके बाद सामान्य सांस ले और कुछ देर रूके। सामान्य स्थिति में आने से पहले अपनी पीठ को जमीन पर लाएं, फिर कमर का ऊपरी हिस्सा और आखिर में कमर जमीन पर ले आएं।
कुंडलिनी योग
यह योग तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने की बेस्ट मेडिसिन हैं। इस योग को करने के लिए अपने पैरों को क्रॉस करके बैठ दाए और दोनों हाथों को प्रार्थना मुद्रा में जोड़ें। इस बात का ख्याल रखें कि आपकी रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी हो। इसके बाद दोनों आंखों को बंद करके ध्यान केंद्रित करें और 'ओम नमो, गुरु देव नमो' मंत्र का जाप करें। अपनी सांस पर ध्यान दें, ताकि आप रिलैक्स हो सकें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा करने के लिए सबसे पहले आरामदायक आसन पर बैठ जाए। इसके बाद दोनों हाथों की अनामिका (Ring Finger) और छोटी उंगली को जोड़ लें। उंगलियों को थोड़ी हथेलियों की तरफ झुकाकर अंगूठे के आधार को छूने की कोशिश करें। इसके बाद ध्यान लगाते हुए सांस अंदर बाहर छोड़ें। इस अवस्था में 20 मिनट तक रहने केे बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। नियमित रूप से इस मुद्रा को करने पर मानसिक एकाग्रता और सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी दूर होती है।
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत हर किसी के लिए वेकअप कॉल है। आप चाहे कितने भी बिजी क्यों ना हो लेकिन परिवार, दोस्तों व करीबियों को कुछ समय अवश्य दें। उनसे अपने मन की बात शेयर करें। साथ ही हैल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें और रोजाना योग करें। इससे आप खुश रहेंगे और आपको अकेलापन नहीं सताएगा।