हिन्दू धर्म में 16 संस्कार बताए गए हैं, जिसमें से एक विवाह भी है। इसमें सिर्फ व्यक्ति ही नहीं बल्कि पूरे परिवार का मिलन होता है इसलिए इसे पूरे रीति-रिवाज से संपन्न किया जाता है। हालांकि इस संस्कार में भी कई रीति रिवाज शामिल होते हैं, जिसमें सुहागरात और उससे जुड़े रिवाज भी शामिल हैं। सुहागरात को वर-वधू की मिलन की रात कहा जाता है। इस दिन कुछ रिवाज बड़े ही खास होते हैं जैसे दुल्हन का दूध का गिलास लेकर जाना, कन्या को मुंह दिखाई देना आदि...
वर-वधू करते हैं सबसे पहले यह काम
शादी के फर्स्ट नाइट से पहले दूल्हा-दुल्हन कुल देवी - देवता की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इससे उन्हें परंपरा और वंश को आगे बढ़ने के लिए ईश्वर से आशीर्वाद मिलता है और संतान सुख प्राप्त होता है।
इसलिए दुल्हन लाती है दूध का गिलास
इसके पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी शामिल है। दरअसल, दूध को चंद्र और शुक्र से संबधित माना गया है। शुक्र प्रेम-वासना तो चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। दूध का गिलास देने के पीछे उद्देश्य ये होता है कि पति पत्नी उनकी तरह उज्जवल, वासना और चंचलता रहित हो।
दुल्हन को इसलिए उपहार दिया जाता है
रिवाज के मुताबिक, शादी की पहली रात दूल्हा दुल्हन को मुंह दिखाई में तोहफा देता है। कहा जाता है कि भगवान राम ने भी मुंह दिखाई पर माता सीता को वचन दिया था कि वह एक पतिव्रत पुरुष रहेंगे इसलिए उन्होंने कभी दूसरी शादी भी नहीं की। हालांकि आजकल दुल्हन को इस रिवाज के तहद गहनें, मोबाइल आदि उपहार में दिए जाते हैं। व्यवहारिक तौर पर देखा जाए तो इसके पीछे यह उद्देश्य यही है कि लड़के-लड़की के नए रिश्ते की शुरुआत अच्छी हो।
और सबसे जरुरी है यह
सुहागरात में सबसे जरूरी है बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद लेना, ताकि वर-वधू को नए जीवन के लिए शुभ कामनाएं मिले। हिंदू धर्म के संस्कारों में कोई भी नया काम शुरू करने से पहले बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना शुभ होता है।