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ये कैसी मैडम! बच्चे को क्लास में बंद कर चली गई घर, अब हर पेरेंट्स को अलर्ट रहने की जरूरत

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Aug, 2024 01:33 PM
ये कैसी मैडम! बच्चे को क्लास में बंद कर चली गई घर, अब हर पेरेंट्स को अलर्ट रहने की जरूरत

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले से एक ऐसी घटना सामने आई जिसे जानने के बाद हर मां- बाप को अपने बच्चों की चिंता सताने लगेगी। यहां एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में वर्षीय बच्चे को कुछ शिक्षकों ने शौचालय साफ करने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया और इसके बाद छात्र को कक्षा में बंद कर टिचर घर चली गई। 
 

बच्चे से साफ करवाया जाता था शौचालय


बेसिक शिक्षा विभाग ने इस सिलसिले में स्कूल की प्रधानाध्यापिका और एक शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की है। पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार को हुई, जब जानसाठ क्षेत्र के सरकारी प्राथमिक विद्यालय की पहली कक्षा के छात्र को कक्षा में बंद पाया गया और ऐसा प्रधानाध्यापिका संध्या जैन और ‘क्लास टीचर' रविता रानी की कथित लापरवाही के कारण हुआ। इस संबंध में बच्चे की मां ने पुलिस में शिकायत दी है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि दोनों अध्यापक उसके बेटे को शौचालय साफ करने के लिए मजबूर करते थे क्योंकि वे दलित बच्चों से ‘‘नफरत'' करते हैं। 

बच्चे की मां ने शिक्षकों पर लगाए आरोप 

बच्चे की मां ने आरोप लगाया गया है कि शिक्षकों की लापरवाही के कारण उनका बेटा स्कूल बंद होने के एक घंटे से अधिक समय बाद तक कक्षा में बंद रहा। उन्होंने बताया कि जब उनका बेटा स्कूल बंद हो जाने के बाद भी घर नहीं पहुंचा तो वह स्कूल पहुंची तो वहां कोई नहीं था एक कमरे से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद ग्रामीणों और परिवार के लोगों ने प्रधानाध्यापिका को बुलाया। बाद में, शिक्षिका रविता रानी के पति चाबी लेकर स्कूल पहुंचे और दरवाजा खोला। 


प्रधानाचार्य को किया निलंबित

इस घटना के बाद प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यीय समिति इस मामले की जांच करेगी और तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही सभी कर्मचारियों को स्कूल बंद करने से पहले कक्षा की जांच करने के लिए कहा गया है। प्रधानाध्यापिका ने कहा कि उनके साथ ‘‘अन्याय'' हुआ है क्योंकि इस घटना के लिए ‘क्लास टीचर' जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर बच्चा सो रहा था तो भी कक्षा को बंद करने से पहले उसकी जांच करनी चाहिए थी।'' 


बच्चों को पहले ही सिखा दें ये बातें

अगर आप चाहते हैं कि आगे चलकर आपके बच्चे के साथ भी कुछ ऐसा ना हो तो उन्हें पहले ही सुरक्षा उपाय सिखा दें । बच्चे को सिखाएं कि यदि वह घर नहीं पहुंच पाता है या खो जाता है, तो क्या करना चाहिए:

     - किसी विश्वसनीय वयस्क से मदद मांगना।
     - माता-पिता का फोन नंबर और घर का पता याद रखना।
     - बिना किसी को बताए कहीं न जाना।

ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले से ही योजना बनाएं। बच्चे को कुछ विशेष निर्देश दें जैसे:
    
 - स्कूल खत्म होने के बाद सीधे घर आना।
     - यदि किसी दोस्त के घर जाना हो तो पहले माता-पिता को सूचित करना।
     - अजनबियों से बात न करना और उनकी गाड़ी में न बैठना।
 

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