हमारे देश भारत में कई सारे अनोखे मंदिर है। कहीं पर प्रसाद के रूप में फल चढ़ाए जाते हैं तो कहीं पर मिठाई। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि प्रसाद के रूप में भगवान को पानी की बोतल चढ़ाई गई हो? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं उस मंदिर के बारे में। ये है गुजरात का एक मंदिर, जो मोढेरा बीच पर स्थित है। जहां पर बच्चों को देवता माना जाता है और प्रसाद के रूप में पानी की बोतल चढ़ाई जाती है। इस मंदिर के बनने के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
हादसे से जुड़े है मंदिर की कहानी
दरअसल, जिस जगह पर ये मंदिर बना है वहां पर बहुत बड़ा हादसा हुआ था। 21 मई 2013 को एक ऑटो रिक्शा और कार की भीषण भिड़ंत हो गई थी। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस ऑटो में 2 बच्चे भी मौजूद थे। बच्चों को बहुत प्यास लगी थी, वो आसपास गुजरते लोगों से पानी मांग रहे थे, लेकिन वहां पर पानी नहीं था, जिसके चलते बच्चों की प्यास से मौत हो गई। इस घटाने के बाद से वहां पर लगातार हादसे होने लगे।
बच्चों को देवता मान लोगों ने बनवाया मंदिर
जब लोगों को एहसास हुआ कि हादसे में बच्चों के प्यासे मरने की वजह से यहां पर हादसे हो रहे हैं तो स्थानीय लोगों ने दोनों बच्चों को देवता मानते हुए एक छोटा सा मंदिर बनवा दिया। कहा जाता है कि मंदिर बनने के बाद मंदिर के आसपास के कुओं का पानी मीठा हो गया और सारे सड़क हादसे भी बंद हो गए। मान्यता है कि यहां पर प्रसाद रूपी पानी चढ़नी से शरीर के कई रोग भी दूर होते हैं।
प्रसाद चढ़ने पर मन्नत होती है पूरी
लोग यहां पर दूर- दूर से अपनी मन्नत लेकर आते हैं और पानी की बोतल चढ़ाकर भगवान से अपनी इच्छाएं व्यक्त करते हैं। मंदिरों में हर दिन भक्तों की भारी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है।यहां पर आपको हजारों की संख्या में पानी की बोतल और पानी के पाउच चढ़ाते हैं।