भारत के आध्यात्मिक गुरुओं में से एक सत्य साईं बाबा की 96वीं जयंती आज देश भर में बड़ी ही धूमधास से मनाई गई। पुट्टपर्ती में भगवान सत्य साई बाबा प्रशांति मंदिर में जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मंदिर में सभी कार्यक्रम कोविड-19 के नियमों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किए गए। समिति के सदस्यों ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए हर साल की तरह इस बार इस साल शोभायात्रा नहीं निकाली गई।
इस खास मौके पर कई भक्त साई बाबा का आशीर्वाद लेने मंदिर में पहुंचे। वहीं मंदिर प्रशासन ने सोशल मीडिया पर कार्यक्रम की कुछ झलकियां भी सांझा कि ताकि भक्त घर बैठे ही बाबा के दर्शन कर सकें।
सत्य साईं बाबा आध्यात्मिक गुरु व प्रेरक व्यक्तित्व थे, जिनके संदेश और आशीर्वाद ने पूरी दुनिया के लाखों लोगों को सही नैतिक मूल्यों के साथ उपयोगी जिंदगी जीने की प्रेरणा दी।
सत्य साईं ने हमेशा अपने भक्तों की मदद की एवं उन्हें अच्छे आदर्श मानने की, अच्छा आचरण करने और मन में अच्छा सेवाभाव बनाए रखने का उपदेश दिया।भारत के आध्यात्मिक गुरुओं में से एक सत्य साईं बाबा का जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्रप्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में हुआ था।
वे पेदू वेंकप्पाराजू एवं मां ईश्वराम्मा की 8वीं संतान थे। जिस क्षण नवजात शिशु के रूप में सत्य साईं ने जन्म लिया था, उस समय घर में रखे वाद्ययंत्र स्वत: ही बजने लगे और एक रहस्यमय सर्प बिस्तर के नीचे से फन निकालकर छाया करता पाया गया।
आज के सयम में भारत के अलावा विदेशों में भी बाबा के लाखों भक्त हैं। बाबा के आध्यात्मिक स्थल प्रशांति निलयम में दिन-रात विदेशी भक्त आते जाते रहे हैं इस कस्बे में एक विशेष हवाई अड्डे पर दुनिया के अनेक हिस्सों से बाबा के भक्तों के चार्टर्ड विमान उतरते रहे हैं। इसी वजह से ही आंध्र प्रदेश का छोटा-सा गाँव पुट्टपर्थी अंतरराष्ट्रीय स्तर भी चर्चित रहा है।