काबुल में फंसे लोग तालिबान से इस कदर खौफ के साए में जिंदगी जी रहे हैं मानों अब उनका अंत आ गया हो। अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ते ही वहां पर तालिबानियों ने अपना क्रूर शासन लागू कर दिया है। अफनी पहली प्रैस कांफ्रेंस में तालिबानी प्रवक्ता ने साफ कह दिया है कि अब अफगान में लोकतंत्र की सरकार नहीं ब्लकि शरिया कानून की सत्ता चलेगी। महिलाओं को अब शरिया कानून के हिसाब से यहा रहना होगा। यही वजह है कि वहां के लोग अब अपने ही देश में कैद हो गए हैं।
तालिबानी महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शते
लोगों का मानना है कि शरिया कानून का सहारा लेकर तालिबानी अपनी हकूमत करना चाहता है। वह लोगों के साथ जानवरों की तरह व्यवहार करता हैं। उनके अनुसार न चलने पर वह लोगों के साथ ज्यादती करता है और बीच बाज़ार बेइज्जत कर यातानाएं देता है। यहां तक कि हूकूम की पालना न करने पर वह महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शते उन्हें भी कठोर से कठोर सजा देता है, कभी किसी पर कोड़े बरसाता है तो कभी किसी का एक अंग की काट देता है, ऐसी क्रुर सजाए तालिबान में शामलि है।
बच्चों की आवाज न सुनाई दे, इसलिए उनके मुंह पर कपड़ा बांध देते हैं
तालिबान के खौफ का अंदाजा यही से लगाया जा सकता है कि जब से तालिबान ने अफगानिस्ता पर कब्जा किया है तब से वहां की सड़क पर कोई गाड़ी नजर आती। तालिबानी की आहत सुनते ही लोग बाथरूम की तरफ दौड़ पड़ते हैं। घरों की लाइट और मोबाइल फोन बंद कर वे खुद को बाथरूम में कैद कर लेते हैं। बच्चों की आवाज न सुनाई दे, इसलिए उनके मुंह पर कपड़ा बांध देते हैं।
तालिबान की आहट सुनते ही पूरा परिवार बुरी तरह डर जाता है
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक काबुल में फंसे एक परिवार के रिश्तेदार ने ये हाल बयां किया है। इस परिवार के दो लोगों का तालिबान ने बीते सालों में हत्या कर दी थी। ऐसे में तालिबान की आहट सुनते ही पूरा परिवार बुरी तरह डर जाता है। काबुल में फंसे ऐसे परिवारों के जो रिश्तेदार दूसरे देशों में हैं, वे अपनी-अपनी सरकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।