देश की राजधानी समेत देश के कई शहरों में छठ पूजा का उत्साह देखने को मिल रहा है। महिलाओं ने यमुना घाटों पर पूजा अर्चना की और सूर्य देव की आराधना वाले इस त्योहार की शुरुआत की। लेकिन इस अवसर पर यमुना नदी की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसे देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह महिलाओं को अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर स्नान करना पड़ा।
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि महिलाएं जहां खड़ी हैं वहां का पानी दूषित है। चारों तरफ सिर्फ झाग ही झाग नजर आ रही है। गंदगी के कारण पानी भी काला दिख रहा है। लेकिन इस सब के बावजूद महिलाएं गंदे पानी में खड़े होकर भगवान भाष्कर की पूजा कर रही हैं।
झाग में स्नान करने का नुक्सान
-इस झाग से त्वचा पर हो सकते हैं चकत्ते
-एलर्जी होने का भी खतरा
-न्यूरो संबंधित समस्या का भी खतरा
-मुंह में पानी जाने से हो सकता है लकवा
-इस पानी में नहाने से कैंसर की भी संभावना
ऐसे बरतें सावधानी
-नदी में जाने से पहले लगाएं नारियल का तेल
-यह त्वचा की जलन को रोकने में आता है काम
-सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें
-सूती कपड़े पहनकर करें स्नान
डाॅक्टरों की मानें ताे यदि 10 लोग इस झाग वाले पानी में स्नान कर रहे हैं तो उनमें से दो से तीन लोगों को यह समस्या जरूर होगी। इसे जहरीली झाग भी कहा जाता है जो स्वास्थ्य को कई गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। कंस झाग में कई तरह के केमिकल्स होते हैं, जिससे गंभीर नुकसान हो सकता है।
बताया जा रहा है कि यमुना नदी में अमोनिया का लेवल बढ़ गया है, जिसकी वजह से नदी में तरह से झाग बन रहें हैं। अमोनिया लेवल बढ़ने से पानी की सप्लाई भी बाधित हो रही है। हालांकि दिल्ली सरकार ने इस झाग को हटाने के लिए 15 नौकाओं को तैनात किया है। यह काम तब तक चलेगा जब तक कि झाग पूरी तरह से हट नहीं जाती।
छठ के पर्व को बिहार और यूपी के कुछ हिस्सों के लोग बड़े ही आस्था और विश्वास के साथ मनाते हैं। इसे लेकर महीनों पहले से तैयारी शुरू हो जाती है।