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नए शोध में दावा, बड़ों के मुकाबले शरीर में ज्यादा एंटीबॉडी विकसित करते हैं बच्चे

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 07 Nov, 2020 04:57 PM
नए शोध में दावा, बड़ों के मुकाबले शरीर में ज्यादा एंटीबॉडी विकसित करते हैं बच्चे

कोरोना वायरस पर रोजाना नईं-नईं जानकारियां सामने आती रहती है। इस वायरस की चपेट में बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी आ रहे हैं लेकिन हाल ही में इस वायरस के संबंध में एक अध्ययन सामने आया है। जिससे यह पता चलता है कि इस वायरस से बच्चों को खतरा कम है।

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दरअसल हाल ही में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बच्चों में बड़ों के मुकाबले शरीर में ज्यादा और मजबूत एंटीबॉडी विकसित होते हैं। और यह एक अच्छा सकेंत है क्योंकि यह एंटीबॉडी ही बच्चों को इस वायरस से बचाते हैं और इसे नष्ट करने में मदद करते हैं। र्नल नेचर इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बच्चे और बड़ों के शरीर में अलग-अलग प्रकार और मात्रा की एंटीबॉडी विकसित होती हैं। इसका अर्थ है कि बच्चों के शरीर में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक टिक नहीं पाता है।

बच्चों के शरीर में अलग एंटीबॉडी बनते हैं 

इस अध्ययन के लेखक की मानें तो बड़ो में बिल्कुल अलग तरह के एंटीबॉडी बनते हैं और बच्चों में अलग। इसी कारण से बच्चों में संक्रमण कम समय के लिए टिकता  है और बच्चों में जो वायरस पाया जाता है वह बड़ों से अलग होता है। इस अध्ययन की मानें तो बच्चों के शरीर में ऐसी क्षमता पाई जाती है जो इस वायरस को फैलने नहीं देते हैं और शरीर से वायरस को ज्ल्दी ही निकालने में कामयाब होते हैं। 

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बच्चों की रिपोर्ट जल्द आती है नेगेटिव 

वहीं इससे पहले हुए अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि कोरोना वायरस बड़ों के शरीर में ज्यादा प्रभाव डालता है। अगर बच्चे इसकी चपेट में आ भी जाएं तो उनकी कोरोना रिपोर्ट जल्द ही नेगेटिव भी आ जाती है। इसका एकमात्र कारण यही है कि बच्चों में मिलने वाली एंटीबॉडी बड़ों के मुकाबले कम होती है। 

बच्चे ज्यादा मात्रा में नहीं फैलाते कोरोना 

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कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी है जो एक से दूसरे से फैलती है। इसलिए लोगों के संपर्क में कम आने के लिए कहा जाता है। इस अध्ययन की मानें तो बच्चे उस मात्रा में कोरोना नहीं फैलाते हैं जितनी मात्रा में बड़े फैलाते हैं। 

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