शिवरात्रि आने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में इस दौरान शिव भक्त भगवान शिव के दर्शन करने अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं। ऐसे में यदि आप भी इस बार शिवरात्रि पर ऐसी ही किसी मंदिर में जाने की सोच रहे हैं तो यहां पर जा सकते हैं। भगवान शिव का यह एक मंदिर ऐसा है यहां पर रात में शिवलिंग की पूजा की जाती है। जहां भारतीय संस्कृति के अनुसार, रात में भगवान को शयन करवाया जाता है वहीं इस मंदिर में शिवलिंग की रात के समय में पूजा-अराधना की जाती है। तो चलिए आपको बताते अनोखा मंदिर भारत की कौन सी जगह में स्थित है...
पुणे से करीबन 110 किलोमीटर की दूर है ये मंदिर
यह मंदिर पुणे से करीबन 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहते हैं। भगवान शिव की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यह मंदिर भी है। सह्याद्रि पर्वत माला में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है। इसकी ऊंचाई करीबन 3,250 फीट है। माना जाता है कि भगवान शिव यहां पर स्वंय वास करते हैं।
ऐसे पड़ा नाम ज्योतिर्लिंग का नाम
इस ज्योतिर्लिंग को भीमाशंकर इसलिए कहते हैं क्योंकि यह मंदिर भीम की तरह मोटा और सामान्य शिवलिंग के मुकाबले थोड़ा सा अधिक बड़ा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर भगवान शिव और राक्षस त्रिपुरासर के बीच बहुत ही भयंकर युद्ध हुआ था। युद्ध में शिवजी ने राक्षस का वध करके विजय हासिल की थी। कहा जाता है कि इस युद्ध में भयंकर गर्मी उत्पन्न हुई थी जिसके कारण भीमा नदी सूख गई थी। इसके बाद भगवान शिव के शरीर से निकले पसीने से यह नदी फिर से भर गई थी। तभी से इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीमाशंकर पड़ा गया था।
आखिर क्यों की जाती है रात में पूजा?
मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में दो तरह की पूजा का विधान है। एक पूजा वो होती है जो सुबह और दिन के समय की जाती है और वहीं दूसरी पूजा वह है जो भक्तों के द्वारा रात में की जाती है। रात में भी भक्त यहां पर भगवान शिव के शिवलिंग रुप की पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा करते हैं। पूजा करने के बाद भक्तों को मनचाहा फल भी मिलता है और उनमें सिद्धि शक्ति का संचार होता है। वहीं इसके अलावा मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि इस मंदिर में रात की पूजा भक्त इसलिए क्योंकि अपने पापों के कारण वह भयंकर कष्टों को भोग रहे होते हैं और पाप से मुक्त होने की इच्छा लेकर ही भगवान शिव के पास आते हैं।
मोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है ज्योर्तिलिंग
महाराष्ट्र के पुणे के पास सह्याद्रि पर्वत पर स्थित भीमाशंकर मंदिर को द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठा स्थान प्राप्त है। यहां पर शिवलिंग का आकार बहुत ही मोटा है इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहते हैं।