बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने पहली बार लोगों की टिप्पणी पर रिएक्शन दिया है। उनका कहना है कि दुनिया कुछ भी कर ले, हम जैसे लोग ‘‘जिंदा'' रहेंगे। अपने इस बयान से उन्होंने साफ कर दिया है कि उन्हें ट्रोलिंग से कुछ भी फर्क नहीं पड़ता है। शाहरुख और दीपिका पादुकोण की आगामी फिल्म ‘‘पठान'' के गाने ‘‘बेशर्म रंग'' को लेकर सोशल मीडिया पर खूब विवाद देखने को मिल रहा है।
इस विवाद के बीच शाहरुख ने यह टिप्पणी दी है। कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (केआईएफएफ) के उद्घाटन के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि सिनेमा मानवता की करुणा, एकता और भाईचारे की अपार क्षमता को सामने लाता है। उन्होंने कहा, “दुनिया कुछ भी कर ले, मैं और आप लोग और जितने भी पॉजिटिव (सकारात्मक) लोग हैं जिंदा रहेंगे।”
दरअसल देश के विभिन्न हिस्सों में फिल्म ‘पठान' के गीत “बेशर्म रंग” को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि गीत से एक समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है। केआईएफएफ में मुख्य अतिथि खान ने कहा- “सिनेमा मानवता की करुणा, एकता और भाईचारे की अपार क्षमता को सामने लाता है, सिनेमा मानव जाति की व्यापक प्रकृति की बात करने वाले विपरीत-नजरिये को बरकरार रखने का सबसे बेहतर स्थान है।” खान ने सिनेमा को “विभिन्न रंगों, जातियों और धर्मों के लोगों के लिए एक दूसरे को बेहतर ढंग से समझने का जरिया बताया।
दरअसल मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस गीत में दोनों मशहूर अदाकारों के कपड़ों के रंगों के साथ फिल्म के शीर्षक पर आपत्ति जताई। उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर निर्माता-निर्देशक ने इस फिल्म में ‘‘सुधार'' नहीं किया, तो राज्य सरकार विचार करेगी कि फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं। मिश्रा का कहना है कि "दूषित मानसिकता के साथ फिल्माए गए गाने ‘‘बेशर्म रंग'' में अभिनेता और अभिनेत्री को आपत्तिजनक रूप से हरे और भगवा रंग के कपड़े पहनाए गए हैं। इन कपड़ों के रंग, गाने के बोल और फिल्म के नाम (पठान) में सुधार की आवश्यकता है।
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि दीपिका पादुकोण दिल्ली के जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित ‘‘टुकड़े-टुकड़े गैंग'' के समर्थन में पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद उनकी मानसिकता पहले ही सबके सामने आ चुकी है। मिश्रा ने 25 जनवरी को प्रदर्शित जाने होने जा रही फिल्म "पठान" के केंद्रीय किरदार शाहरुख खान पर भी निशाना साधते हुण् कहा,‘‘यह अच्छी बात है कि वह (खान) हाल ही में वैष्णोदेवी के दर्शन करने गए थे। मगर एक तरफ वह माताजी के दर्शन करने जाते हैं, तो दूसरी तरफ महिला अदाकारों को अपनी फिल्मों में लगभग बिकिनी में ले आते हैं। यह भी ठीक नहीं है।