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भगवान ऐसी बेटी किसी को ना दे...शबनम- साेनम की कहानी सुनकर आज भी कांप जाती है रूह

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 16 Aug, 2022 01:48 PM
भगवान ऐसी बेटी किसी को ना दे...शबनम- साेनम की कहानी सुनकर आज भी कांप जाती है रूह

कहते हैं  बेटियां अपने परिवार कि शान और जान होती है। वह दो घरों का भविष्य संवारती है, लेकिन आज हम आपको ऐसी दो बेटियाें की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने प्यार के लिए अपने रिश्तों का ही कत्ल कर दिया। ये दोनों प्यार में इतनी अंधी हो गई थी कि इन्होंने अपने परिवार को खत्म करने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। इन दोनों की इस हरकत ने पूरे समाज को हिला कर रख दिया था। 

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भतीजे पर भी नहीं आई दया

पहले बात करते हैं उत्‍तर प्रदेश के अमरोहा के बावनखेड़ी में रहने वाले शबनम की जो मोहब्‍बत में इतनी पागल हो गई कि उसने अपने ही परिवार के सात लोगों की जान ले ली। 15 अप्रैल 2008 को प्‍यार में पागल शबनम ने अपनी मां हाशमी, पिता शौकत अली, पिता, दोनों भाईयों अनीस और राशिद, एक भाभी अंजुम और मौसी की बेटी राबिया को मौत के घाट उतार दिया था। इतना ही नहीं उसे अपने 10 माह के भतीजे पर भी दया नहीं आई। 

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घटना के वक्त गर्भवती थी शबनम

शबनम की उम्र उस समय 25 साल थी, जब उसने इस घटना को अंजाम दिया तब वह दो माह की गर्भवती थी। परिवार वाले उसके प्रेमी सलीम के साथ रिश्‍ते के सख्‍त खिलाफ थे, इसकी वजह से शबनम ने पूरे परिवार काे ही रास्ते से हटाने का मन बना लिया। उसने पहले तो नींद की गोली परिवारवालों को दी फिर सलीम के साथ मिलकर एक के बाद एक सभी को कुल्‍हाड़ी से काट डाला। घर में चारों तरफ सिर्फ लाशें नजर आ रही थीं।

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पुलिस को बताई झूठी कहानी 

किसी को शक ना हो ताे  शबनम घर के एक कोने में दहाड़े मार-मार कर रोने लगी। शबनम ने पुलिस को जानकारी दी कि वह छत पर सो रही थी और बारिश होने लगी तो नीचे आ गई. जब वह नीचे आई तो उसे मर्डर का पता लगा। हालांकि पुलिस ने जब शक के अधार पर सलीम को पकड़ा तो उसने सब सच बता दिया। उस समय सलीम ने कहा था-   बोला, मैंने सब बता दिया है, अब तुम भी स्वीकार कर लो। तब जाकर शबनम ने सच कबूला। 3 अगस्त 2010 में अमरोहा की अदालत ने सलीम और शबनम को मुजरिम क़रार देते हुए फांसी की सज़ा सुनाई थी। राष्ट्रपति भी उसकी दया याचिका खारिज कर चुके हैं। 

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सोनम ने भी खेला था खूनी खेल 

इस घटना के साल बाद एक और बेटी ने प्यार के लिए खूनी खेल खेला। 14 सितंबर 2009 की रात को हरियाणा के  रोहतक जिले के कबूलपुर गांव की रहने वाली सोनम ने भी  तीन छोटे बच्चों और 70 वर्षीय बुजुर्ग सहित 7 लोगों को जहर देकर मार दिया है। उसने भी प्यार के लिए दादी भूरी देवी ताई प्रोमिला , ताऊ सुरेंद्र , बहन सोनिका ,भाई अरविंदर बहन मोनिका ,भाई विशाल को मौत के घट उतार दिया। 


हाईकोर्ट ने रहम देने से कर दिया था मना 

सोनम ने अपने प्रेमी नवीन के साथ साजिश रचते हुए परिवार के सदस्यों को खाने में नींद की गोलियां मिलाई। जब परिवार के सभी सदस्य गहरी नींद में सो गए तो दोनों ने बारी-बारी से सभी का रस्सी से गला घोंट कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। सोनम ने उस दिन खुद का व्रत बताकर खाना नहीं खाया था। वारदात को अंजाम देने के बाद सोनम ने ड्रामा रचते हुए खुद को बाथरूम में बंद कर लिया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि सोनम पर रहम नहीं किया जा सकता है उसकी और उसके प्रेमी की मौत की सजा बरकरार रहेगी।

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