सरोज खान ने बॉलीवड इंडस्ट्री में 40 साल से ज्यादा काम किया है। 71 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली सरोज खान की जिंदगी आसान नहीं थी। सरोज खान ने कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल से नृत्य सीखते हुए 13 साल की उम्र में ही उनसे शादी कर ली थी। उस समय सोहनलाल की उम्र 41 वर्ष थी और उनकी यह दूसरी शादी थी। सरोज जी ने अपनी जिंदगी में काफी कठिनाईयों का सामना किया है। सरोज खान के निधन के बाद जहां पूरी इंडस्ट्री शोक में डूबी है वहीं उनकी छोटी बेटी सुकैना अपनी मां के जाने के बाद बेहद आहत है।
मां और बेटी का रिश्ता बेहद खास होता है। सरोज खान का रिश्ता भी अपने बच्चों के साथ बेहद खास था। अपनी मां के निधन के बाद सरोज खान की बेटी सुकैना ने हाल ही में एक वेबसाइट को इंटरव्यू दिया और उसमें सुकैना ने बताया कि उनकी मां हीरो थी। अपनी बातचीत में वो आगे बताती हैं कि वे उनकी जिंदगी में माता पिता दोनों का रोल निभाती थी। वे हमेशा मेरे से परफेक्शन की उम्मीद रखा करती लेकिन वो मेरे साथ कभी सख्त व्यवहार नहीं करती थी।
मेरी मां फाइटर थी
सुकैना आगे बताती हैं कि मैं बच्चों में सबसे छोटी थी इसलिए मां का प्यार मुझसे ज्यादा था। मेरी मां ने हमेशा हमें एक बेहतरीन जिंदगी दी । उन्होंने 13 साल की उम्र से 71 साल की उम्र तक हमें सब कुछ दिया।
मर्द की तरह उठाई हर जिम्मेदारी
सुकैना के अनुसार वो एक फाइटर थी और उन्होंने हमेशा एक मर्द बनकर पूरे घर की जिम्मेदारी संभाली और कभी हमसे कोई शिकायत नहीं की। यहां आपको बता दें कि सरोज खान की शादी बहुत कम उम्र में हो गई थी लेकिन दुख की बात ये रही कि उनकी शादी ज्यादा देर टिक न पाई और फिर उन्होंने अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश की।
वे हमेशा कहती थी मैं हू न
सुकैना ने अपनी बातचीत में आगे बताया कि बहुत से लोगों को लगता है कि एक मां के लिए अकेले बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं है लेकिन मेरी मां के चेहरे पर एक बार भी शिकन तक नहीं आती थी और वो हमेशा यही कहती थी कि मैं हूं न। उन्होंने कभी भी परेशानी के आगे सिर नहीं झुकाया बल्कि उन्होंने हमेशा ही हमें आगे बढ़ाया। अपनी मां की सेहत के बारे में बताते हुए सुकैना ने कहा कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा था लेकिन उनका शुगर लेवल इतना बढ़ गया कि डॉक्टर भी उऩ्हें बचा नहीं पाए।