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Sania Mirza ने बयां किया मां बनने का दर्द, प्रेग्नेंसी से भी मुश्किल है ये चीज...

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 06 May, 2025 03:31 PM
Sania Mirza ने बयां किया मां बनने का दर्द, प्रेग्नेंसी से भी मुश्किल है ये चीज...

नारी डेस्क: टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक मां के रूप में भी अपने अनुभवों को खुले दिल से साझा करती हैं। हाल ही में एक पॉडकास्ट में उन्होंने मातृत्व से जुड़ी अपनी निजी जद्दोजहद के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उनके लिए प्रेग्नेंसी नहीं, बल्कि ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान कराना) सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण और मानसिक रूप से थकाने वाला अनुभव था।

"तीन बार और प्रेग्नेंट हो जाऊं, लेकिन फीडिंग फिर नहीं!" - सानिया मिर्ज़ा

सानिया ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे इज़हान को केवल ढाई से तीन महीने तक स्तनपान कराया, क्योंकि यह अनुभव उनके लिए शारीरिक नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से थकाऊ था। उन्होंने मज़ाक में कहा, "मैं तीन बार और प्रेग्नेंट हो सकती हूं, लेकिन फीडिंग वाला हिस्सा बहुत भारी पड़ता है।" उनका कहना था कि ब्रेस्ट मिल्क बनाना और बार-बार बच्चे को दूध पिलाना मानसिक और शारीरिक रूप से काफी थकावट देता है, खासकर तब जब आप एक कामकाजी महिला हों।

 ब्रेस्टफीडिंग क्यों बनता है चुनौती?

दूध बनाना और पिलाना बहुत ऊर्जा लेता है। हर कुछ घंटों में दूध पिलाने से नींद और दिनचर्या प्रभावित होती है। मां के शरीर से लगातार कैलोरी खर्च होती है, जिससे कमजोरी और थकावट हो सकती है। कामकाजी महिलाओं के लिए यह एक बंधन जैसा अनुभव बन सकता है, क्योंकि उनका पूरा रूटीन बच्चे के दूध पिलाने के समय के अनुसार तय होता है।

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ब्रेस्टफीडिंग को आसान बनाने के 3 असरदार टिप्स

हाइड्रेटेड रहें: दिनभर में ज्यादा पानी पीना बहुत जरूरी है, ताकि शरीर में दूध बनने की प्रक्रिया बेहतर हो सके। खासकर, दूध पिलाने से पहले और बाद में पानी ज़रूर पिएं।

बच्चे के संकेत पहचानें: अगर बच्चा हाथ चबाने लगे, मुंह हिलाए या सिर घुमाए, तो यह संकेत है कि वह भूखा है। रोने से पहले ही दूध पिलाएं, इससे बच्चा भी शांत रहेगा और मां को भी मानसिक तनाव कम होगा।

पंपिंग का अभ्यास करें: अगर सीधा फीडिंग करना कठिन हो रहा हो, तो ब्रेस्ट पंपिंग की मदद लें। सुबह का समय सबसे अच्छा होता है क्योंकि उस समय दूध की मात्रा अधिक होती है। पंपिंग से दूध स्टोर किया जा सकता है और फीडिंग की थकावट भी कम होती है।

 नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। अगर आपको ब्रेस्टफीडिंग या मां बनने से जुड़ी कोई भी समस्या हो, तो कृपया अपने डॉक्टर या स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
 
  

 

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