योध्या को अत्याधुनिक शहर बनाने की दिशा में लिये गये निर्णय के तहत राम जन्मभूमि के आसपास के घरों की छतों पर कैफेटेरिया विकसित किए जाएंगे। मंदिर स्थल के आसपास के क्षेत्रों को ऐतिहासिक महत्व वाले चिह्नों से सजाया जाएगा और जन्मभूमि पथ एवं भक्ति पथ पर आसपास के घरों की छतों पर कैफेटेरिया विकसित किए जाएंगे।
बताया जा रहा है कि अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) इच्छुक मकान मालिकों को एजेंसियों के साथ एक संविदात्मक व्यवस्था के माध्यम से अपने घरों का सर्वेक्षण कराने और छत पर कैफेटेरिया बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। एडीए पैनल के माध्यम से आवश्यक अनुमतियां और संबंधित प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाएगा। अयोध्या आने वाले भक्त राम जन्मभूमि के आसपास के मकानों की छतों पर बनने वाले कैफेटेरिया अथवा खुले आसमान वाले रेस्तरां के जरिये श्री राम मंदिर का मनमोहक नजारा देख सकेंगे।"
राम मंदिर संभवत: अगले साल जनवरी में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। जन्मभूमि पर श्री रामलला की पांच वर्ष के बालक के रूप में प्रतिमा नेपाल से आयी शिला पर उकेरी जा रही है, जो चरण से लेकर मस्तिष्क पर आज्ञाचक्र तक 51 इंच यानी पूरी प्रतिमा करीब 55-56 इंच की होगी। इसे आधार अवस्थान एवं उस पर बने कमल के पुष्प पर इस प्रकार से स्थापित किया जाएगा कि श्री रामलला का चेहरा विशेष रूप से नेत्रों के बीच का स्थान ज़मीन से आठ फुट सात इंच की ऊंचाई पर हो। इससे श्री रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें श्री रामलला के चेहरे पर पड़ेंगी।
अनुमान है कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के बन जाने के बाद नगर में प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख लोग दर्शनों के लिए आया करेेंगे। श्रद्धालुओं को श्री रामलला के दर्शन करीब 35 फुट की दूरी से हुआ करेंगे। इसके लिए मुख्य मंडप में चार पंक्तियां इस प्रकार से बनायी जाएंगी कि लोग आगे बढ़ते हुए दर्शन करेंगे और प्रतिमा से 35 फुट दूरी पर रास्ता मुड़ जाएगा। श्रद्धालुओं को प्रसाद आदि चढ़ाने की अनुमति नहीं रहेगी। दर्शन करके बाहर आने पर श्रद्धालुओं को बंद पैकेट में प्रसाद दिया जाएगा।