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India-Pak War: हिमाचल का लाल जंग में शहीद, 3 महीने बाद थी सूबेदार पवनकुमार की रिटायरमेंट

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 11 May, 2025 02:48 PM
India-Pak War: हिमाचल का लाल जंग में शहीद, 3 महीने बाद थी सूबेदार पवनकुमार की रिटायरमेंट

नारी डेस्क: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के वीर सपूत सूबेदार मेजर पवन कुमार ने देश के लिए शहादत दी। वह रिटायरमेंट से महज कुछ महीने पहले जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में शहीद हो गए। पवन कुमार ने हमेशा अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सेवा की और सीमा पर पाकिस्तान द्वारा की जा रही लगातार गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। उनका साहस और समर्पण हर किसी के लिए एक प्रेरणा है।

पाकिस्तान के हमलों का दिया सशक्त जवाब

हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था और कई आतंकवादी मारे गए थे। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर ड्रोन, मिसाइल और गोलाबारी बढ़ा दी थी। राजौरी में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी के दौरान सूबेदार मेजर पवन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के कारण उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली।

पवन कुमार की वीरता

पवन कुमार 49 साल के थे और वह 25 पंजाब रेजिमेंट में अपनी सेवा दे रहे थे। इस वर्ष 31 अगस्त को उनका रिटायरमेंट होने वाला था, लेकिन शहीद होने से पहले उन्होंने अपनी सेवा देश के लिए पूरी की। उनके पिता गरज सिंह भी सेना में हवलदार के पद पर थे। पवन कुमार ने अपने परिवार और देश के लिए महान शहादत दी, जिसके लिए उनका नाम हमेशा याद रखा जाएगा।

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परिवार और गांव में शोक की लहर

सूबेदार मेजर पवन कुमार की शहादत की खबर सुनते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। उनके परिवार में उनकी मां किशो देवी, पत्नी, 23 वर्षीय बेटा अभिषेक और बेटी अनामिका हैं। कांगड़ा के शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 से पार्षद शुभम ने बताया कि जैसे ही पवन कुमार के शहीद होने की खबर मिली, गांव के लोग उनके घर पहुंचने लगे। जिला कलेक्टर हेमराज बैरवा ने भी उनके परिवार से मिलकर श्रद्धांजलि दी।

 

शहीद का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ

पवन कुमार की पार्थिव देह को आज रात या कल सुबह उनके पैतृक गांव लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा। प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि शहीद का अंतिम संस्कार पूरी गरिमा और सम्मान के साथ किया जाएगा।

पवन कुमार की शहादत ने हमें यह सिखाया कि देश के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले सैनिकों का सम्मान हर भारतीय का कर्तव्य है। उनका साहस और वीरता हम सभी के लिए एक प्रेरणा है।

 


 

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