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Nari

बेचैनी है Anxiety का सबसे बड़ा लक्षण, सिर्फ संयम और समझदारी से ही होगा इसका इलाज

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 29 May, 2025 05:23 PM
बेचैनी है Anxiety का सबसे बड़ा लक्षण, सिर्फ संयम और समझदारी से ही होगा इसका इलाज

नारी डेस्क: एंग्जायटी (Anxiety) यानी चिंता एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को लगातार घबराहट, बेचैनी, भय या तनाव महसूस होता है और ये भावना अक्सर बिना किसी स्पष्ट कारण के होती है। यह एक आम समस्या है, लेकिन जब यह लंबे समय तक बनी रहती है या रोज़मर्रा के कामों में बाधा डालने लगे, तो इसे गंभीरता से लेना ज़रूरी होता है। चलिए जानते हैं इसके कारण और क्या है इससे बचने का तरीका 
 

एंग्जायटी में क्यों होती है बेचैनी?


ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन का संतुलन बिगड़ने से घबराहट और बेचैनी होती है। अतीत की कोई ट्रॉमा या मानसिक चोट सेगी हो जैसे- दुर्घटना, बचपन की डरावनी घटना, या घरेलू हिंसा भी इसका कारण माना जाता है। नौकरी, पढ़ाई, रिश्ते या आर्थिक स्थिति को लेकर भी कुछ लोग तनाव में रहते हैं।  वहीं नींद की कमी और अनियमित जीवनशैली   शरीर और मस्तिष्क दोनों को बेचैन बना देती है।

 

एंग्जायटी के गंभीर लक्षण

मानसिक लक्षण                        शारीरिक लक्षण         

हर वक्त बेचैनी या डर          दिल की धड़कन तेज     
नकारात्मक सोच                   पसीना आना            
ध्यान न लगना                   मांसपेशियों में खिंचाव 
नींद न आना                     सिरदर्द या थकावट  
छोटी-छोटी बातों पर डर लगना   सांस लेने में तकलीफ

अगर ये लक्षण रोज़ या लंबे समय तक महसूस हों, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

 

इलाज और बचाव के तरीके

इसके लिए CBT (Cognitive Behavioral Therapy) बहुत प्रभावशाली ट्रीटमेंट है जो विचार और व्यवहार बदलने में मदद करता है। मनोचिकित्सक के साथ बात करके तनाव कम किया जा सकता है।सिर्फ डॉक्टर की सलाह से Anti-anxiety medicines ली जा सकती है। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, शवासन, ध्यान (Meditation) करने से मन शांत होता है। दिन में 15–30 मिनट भी काफी लाभकारी हो सकता है।

 

जीवनशैली में करें ये बदलाव

-नींद पूरी करें (7-8 घंटे)
-कैफीन और अल्कोहल से बचें
-फिजिकल एक्टिविटी करें – जैसे वॉकिंग, डांस, या एक्सरसाइज
-स्मार्टफोन/सोशल मीडिया का कम उपयोग करें
-अश्वगंधा, ब्राह्मी, तुलसी चाय  आदि कुछ लोगों को राहत देती हैं।


एंग्जायटीकोई कमजोरी नहीं बल्कि एक मानसिक स्थिति है जिसे समझदारी, सही इलाज और खुद की देखभाल से काबू किया जा सकता है। अगर लक्षण गंभीर हों, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें।
 

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