शादी के फंक्शन्स में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। मेहंदी, हल्दी, चूड़ा सेरेमनी आदि। इन सब रस्मों में से सबसे खास महत्व हल्दी का माना जाता है। भारतीय शादियों में हल्दी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस रस्म में दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले हल्दी लगाई जाती है। हल्दी चंदन, फूलों की पंखुड़ियों और पानी के साथ मिलाकर तैयार की जाती है। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगती क्यों है? आइए जानते हैं।
बुरी नजर से बचाएगी हल्दी
कुछ लोगों को मानना है कि हल्दी की रस्म से दूल्हा-दुल्हन नेगेटिव एनर्जियों से दूर रहते हैं। इसी कारण हल्दी की रस्म के बाद दूल्हा-दुल्हन को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता। कुछ परंपराओं में तो हल्दी के दौरान दूल्हा-दुल्हन के हाथों पर लाल धागा भी बांध दिया जाता है। यह धागा उन्हें बुरी नजरों से बचाता है।
स्किन का बढ़ाती है निखार
हल्दी बहुत ही गुणकारी मानी जाती है। इसमें एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। ऐसे में शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को यह इसलिए भी लगाई जाती है ताकि उनकी स्किन संबंधी समस्याएं दूर हो सके। हल्दी चेहरे पर निखार लाती है इसे लाने से त्वचा साफ होती है और ग्लोइंग भी बनती है। जब दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है तो खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ती है।
धार्मिक कारण
हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में शादी-विवाह के अवसर पर भी भगवान विष्णु की पूजा होती है। पूजा में हल्दी का इस्तेमाल होता है क्योंकि भगवान विष्णु को हल्दी बहुत ही प्रिय है। यह सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। ऐसे में दूल्हा-दुल्हन को शादी से पहले हल्दी लगाने से शुभ फल की प्राप्ति भी होती है।
बढ़ती है सुंदरता
शादी की परंपरा में पीले रंग का खास महत्व बताया गया है। हल्दी का रंग जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आता है। हल्दी वाले दिन दूल्हे-दुल्हन को पीले रंग का कपड़ा पहनाया जाता है कुछ लोगों को मानना है कि पुराने जमाने में ब्यूटी पार्लर जैसी चीजें नहीं होती थी इसलिए दूल्हा-दुल्हन के चेहरे पर निखार लाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल होता था। हल्दी में पाए जाने वाले गुण बॉडी को डिटॉक्स करते हैं और इसे लगाने से व्यक्ति की सुंदरता बढ़ती है।