इन दिनों मुस्लिम समुदाय के लोगों का खास महीना रमजान चल रहा है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं ऐसे में इस पवित्र महीने में जो भी कोई काम करो उसका दौगुना फल मिलता है। वैसे तो रमजान के दौरान सभी रोजा रखने वाले मुस्लिम लोगों के लिए एक ही जैसे नियम होते हैं । परंतु गर्भावस्था में रोजा रखने के कुछ खास नियम बताए गए हैं। वैसे तो मुस्लिम धर्म में गर्भवती महिलाओं को रोजा न रखने की छूट होती है परंतु यदि आप भी फिर भी रोजा रखने की सोच रही हैं तो इन नियमों का खास ध्यान रखें। तो चलिए आपको बताते हैं कि गर्भवती महिलाएं रोजे में खुद को कैसे स्वस्थ रख सकती हैं...
प्रेग्नेंट महिलाओं को इन बात की छूट
. यदि आपने गर्भावस्था में रोजा रखा है और आपको अचानक से शरीर में कमजोरी महसूस होती है तो आप रोजा तोड़ सकती हैं।
. इसके अलावा यदि आपका ब्लड प्रेशर कम रहता है तो भी रोजा न रखें।
. यदि आपको रोजे के दौरान महसूस होता है कि बच्चे पेट में कोई एक्टिविटी नहीं कर रहे तो आप उसी समय रोजा तोड़ सकती हैं।
. यदि रोजा रखते समय आपका वजन लगातार कम हो रहा है या फिर डॉक्टर ने अगर आपको रोजा रखने के लिए मना किया है तो भी आप रोजा न ही रखें।
. अगर रोजा रखते समय बहुत ज्यादा प्यास लग रही है या पेशाब कम या फिर गहरे रंग का आ रहा है तो एक बार ब्लड शुगर जरुर चेक करवाएं।
खाना खाते समय ध्यान में रखे ये बातें
. सहरी में खाना खाने के दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखें। ऐसी चीजें खाएं जो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर हों।अच्छी डाइट लें और ज्यादा खाना खाना न खाएं।
. खजूर, भीगे बादाम खाएं यह आपके साथ-साथ शिशु के लिए भी आवश्यक है। फल और जूस के साथ दूध या दही भी जरुर खाएं
. दिनभर भूखे रहना है तो ऐसे में सहरी में ऐसी डाइट लें जिसको खाने से आप पूरा दिन एनर्जेटिक फील करें।
. सेहरी में हाई प्रोटीन डाइट और हाई फाइबर डाइट खाएं। पनीर, चिकन, मटन, मल्टीग्रेन रोटी आप खा सकते हैं। इन्हें खाने से आप लंबे समय तक भूख से भी बचे रहेंगे।
. ज्यादा मसालेदार खाना न खाएं इससे आपको ज्यादा हैल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
. इसके अलावा ज्यादा मीठा, तीखा और ऑयली खाना भी न ही खाएं।
रोजा रखने के कारण खड़ी हो सकती हैं ये समस्याएं
. समय से पहले ही शिशु का जन्म लेना
. गर्भ में शिशु की मौत हो जाना
. जेस्टेशनल डायबिटीज होना
. नवजात शिशु का वजन सामान्य से कम होना
. शिशु के शरीर का विकास अच्छे से न हो पाना
. मस्तिष्क के विकास में समस्या आना
. महिलाओं का शारीरिक रुप से कमजोर होना
नोट: इसके अलावा प्रेग्नेंसी में रोजा रखने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर ले लें।