इन दिनों शारदीय नवरात्रि चल रहे हैं। नौ दिनों तक मां के नौ अलग-अलग स्वरुपों की पूजा की जाती है। वैसे ही नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यानी देवी का माना जाता है। मां के इस स्वरुप को सफलता और यश का प्रतीक माना जाता है। मां सिंह पर सवार हैं और उनके माथे पर मुकुट विराजमान हैं। मां कात्यानी की चार भुजाएं हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां के इस स्वरुप की पूजा करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर होती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि मां की पूजा आप सातवें नवरात्रि पर कैसे कर सकते हैं। आइए जानते हैं....
कैसे करें मां की पूजा?
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यानी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें। मां कात्यानी को पीला रंग अति प्रिय है ऐसे में मां की पूजा में पीला रंग इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। इसके बाद मां को अक्षत, रोली, कुमुकम, पीले फूल अर्पित करें। फिर जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं मां की आरती करें। दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालिसा का पाठ भी इस दौरान जरुर करें। शास्त्रों के अनुसार, मां का कात्यानी की पूजा करने से विवाह में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं। गुरु ग्रह मजबूत होता है।
भोग में लगाएं ये चीजें
मां कात्यानी को शहद काफी प्रिय है ऐसे में मां की पूजा में शहद का भोग जरुर लगाएं। इससे मां प्रस्न होकर अपना आशीर्वाद बनाती हैं।मां कात्यानी को शहद का भोग लगाने से सुंदर रुप की प्राप्ति होती है, पॉजिटिव एनर्जी आती है। शत्रुओं का भय दूर होता है और सेहत संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
शीघ्र विवाह के लिए करें ये काम
जिन लोगों की शादी में किसी तरह की अड़चन आ रही हैं उन्हें नवरात्रि के छठे दिन प्रात: काल उठकर मां को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद मां के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। फिर मां को पीले रंग के फूल चढ़ाएं। फूल चढ़ाने के बाद हल्दी की तीन गांठे मां को अर्पित करें। इसके बाद मां के मंत्रों का जाप करें और इन तीन गांठों को अपने पास रखें।
मंत्र
इस दिन मां के मंत्र या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यानी रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो: नम:।