अमेरिका की फाइजर (Pfizer) और जर्मनी की बायोएनटेक (BioNTech) द्वारा बनाई गई वैक्सीन का ट्रायल मंगलवार को ब्रिटेन में शुरू कर दिया गया है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनकी बनाई वैक्सीन 90-52% तक कारगार है लेकिन ट्रायल शुरू होने से पहले ही वैक्सीन के कई साइड-इफैक्ट सामने आए थे। वहीं टीकाकरण शुरू होने के बाद भी मरीजों में कुछ साइड-इफैक्ट्स दिख रहे हैं।
क्या रहेगी प्रक्रिया?
Pfizer/BioNTech ने वैक्सीन RNA तकनीक से बनाई है, जिसमें कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड का इस्तेमाल किया गया है। यह टीका बांह में लगाया जाएगा और प्रत्येक व्यक्ति को 2 वैक्सीन लगाई जाएगी।
वैक्सीन से हो रही एलर्जी
टीकाकरण शुरू होने से पहले लोगों में एलर्जी की समस्या देखने को मिल रही थी इसलिए यूके के रेगुलेटर्स उन लोगों को वैक्सीन देने से मना कर दिया था, जिन्हें पहले ही एलर्जी की शिकायत हो। वहीं, पोविस ने कहा, 'नई वैक्सीन में यह आम है लेकिन फिर भी ऐहतियात के तौर पर एलर्जिक रिएक्शन वाले लोग कोरोना का टीका ना लगवाएं'।
टेम्परेरी फेशियल पैरालिसिस
यही नहीं वैक्सीन का शॉट लेने वाले 4 वॉलिंटियर्स में टेम्परेरी फेशियल पैरालिसिस जैसे लक्षण भी देखने को मिले। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) नियामकों ने कहा कि वैसे तो कोई भी स्पष्ट कारण नहीं था कि वैक्सीन टेम्परेरी फेशियल पैरालिसिस का कारण बना लेकिन डॉक्टरों को देखना चाहिए कि यह कितने लोगों पर हमला करता है और कहीं इससे ज्यादा खतरा तो नहीं।
कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं
कंपनी का कहना है कि वैक्सीन का अच्छा असर दिख रहा है और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हुए। वॉलंटिअर्स में दूसरी खुराक देने के बाद 3.7% हल्की थकान देखी हई लेकिन 2% से ज्यादा लोगों में सिर्फ यही समस्या दिखी थी। हालांकि वैक्सिनेशन के बाद कुछ उम्रदराज लोगों में साइड इफेक्ट्स दिखे थे लेकिन वो गंभीर नहीं थे।
दूसरे ट्रायल में दिखे थे साइड-इफैक्ट्स
हालांकि इससे पहले दूसरे ट्रायल में हिस्सा ले रहे वॉलंटिअर्स ने बताया कि वैक्सीन के बाद वह 'हैंगओवर' जैसा महसूस कर रहे थे। उन्हें सिरदर्द, बुखार और मांसपेशिंयों में दर्द भी रहा जोकि फ्लू की वैक्सीन लेने के बाद भी होता है।