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नवजात शिशु की स्किन की देखभाल के लिए माता-पिता इन बातों की रखें सावधानी

  • Edited By palak,
  • Updated: 23 Nov, 2023 04:08 PM
नवजात शिशु की स्किन की देखभाल के लिए माता-पिता इन बातों की रखें सावधानी

व्यस्कों की तुलना में नवजात शिशु की स्किन काफी ज्यादा नाजुक होती है और ऐसे में उनकी त्वचा की देखभाल करने में बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है। त्वचा हमारे शरीर का काफी नाजुक अंग है, जो पर्यावरण से बचाने में शरीर के लिए ढाल के समान काम करती है। यही कारण है कि नवजात शिशु की स्किन के संवेदनशील (sensitive) स्वभाव को ध्यान में रखते हुए माता-पिता को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। एक नवजात शिशु की सबसे बाहरी स्किन की लेयर वयस्क व्यक्ति की तुलना में 30% ज्यादा पतली होती है और इसके कारण बेबी की त्वचा में से नमी (moisture)तेजी से कम हो जाती है और इसका कारण नवजात शिशु की त्वचा में सूखापन और रैशेज जैसी समस्याएं होने की आशंका अधिक होती है। इससे माता-पिता के लिए अपने बेबी की त्वचा की प्राकृतिक कोमलता बनाए रखने के लिए पहले दिन से ही उसकी रक्षा करना महत्वपूर्ण हो जाता है।

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) ने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए कुछ मानक दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करके हम शिशु की स्किन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुसार, नवजात शिशु की त्वचा की आदर्श देखभाल में कोमल सफाई, त्वचा के रुखेपन की रोकथाम, शरीर पर धब्बे और टॉक्सिन्स के संपर्क से बचाव,त्वचा की क्षति की रोकथाम और त्वचा के सामान्य विकास को बढ़ावा देना आदि बातें शामिल हैं जिसके लिए अच्छे से त्वचा की सफाई और मॉइश्चर का इस्तेमाल करके शिशु की त्वचा को स्वस्थ रखा जा सकता है।

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(डॉ. प्रीति ठाकोर, हेड ऑफ मेडिकल अफेयर्स, इंडिया, इंडोनेशिया एंड फिलीपींस, केन्व्यू)

IAP के दिशा निर्देशों के मुताबिक, यदि समय-समय पर शिशु की त्वचा पर सलाईवा, नाक बहना, मल-मूत्र आदि की ठीक ढंग से सफाई करते रहेंगे,तो कई तरह की गंदगी, मल एंजाइम,माइक्रोबियल पैथोजेन्स से बचा जासकता है इसके अलावा डायपर वाले स्थान पर शिशु को असुविधा, जलन(irritation), संक्रमण या रैशेज हो सकते हैं, जिसके प्रति अलर्ट रहना चाहिए। यहां कुछ आवश्यक सुझाव दिए गए हैं जिनका पालन माता-पिता को यह सुनिश्चित करने के लिए करना चाहिए कि उनके नवजात शिशु की त्वचा कोमल,और स्वस्थ रहे। 

नहाते समय हल्की सफाई

IAP का सुझाव है कि नवजात शिशु को रोज़ाना गुनगुने पानी से 15 मिनट से कम नहलाना चाहिए, सिवाए सर्दियों या पहाड़ी क्षेत्रों में शिशु को सप्ताह में 2-3 बार ही नहलाना चाहिए, शिशु के लिए बैलेन्स्ड पीएच और हाइपोएलर्जेनिक वाले क्लींजर का ही इस्तेमाल करना चाहिए। विशेषकर ऐसा क्लींजर उपयोग में लाना चाहिए, जो नवजात शिशु के लिए ही तैयार किया गया हो। शिशु को नहलाने के बाद जब बच्चे की त्वचा हल्की गीली होती है तब उसे क्रीम या लोशन लगाकर तुरंत ही माइश्चर करना चाहिए इससे माइश्चर त्वचा में समाएगा और बेबी की स्कीन हाइड्रेटेड रहेगी।

हर मौसम में लगाएं क्रीम या लोशन

बेबी की स्किन रुखी (dry)न हो,इसलिए हर मौसम में उन्हें मॉइश्चर जरुर लगाना चाहिए। चूंकि बेबी की स्किन काफी पतली और संवेदन शील होती है,इसलिए मॉइश्चराइजर लगाना काफी जरुरी है।अपने पीडिया ट्रिक यानि शिशु रोग विशेषज्ञ के सुझाव के आधार पर ही किसी भरोसेमंद ब्रांड का मॉइश्चराइजर चुनना चाहिए जो शिशु की स्क्रीन के लिए कोमल हो और साथ ही जिससे चिपचिपापन न लगे और तुरंत ही नमी को सोख ले। ऐसे मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें कैमोमाइल, नारियल तेल, प्रोटीन और विटामिन आदि तत्व हो, जो शिशु की स्किन को सुरक्षा देते हो। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) का सुझाव है कि किसी भी तरह के "नेचुरल," "हर्बल," या "ऑर्गेनिक" मॉइस्चराइजर के उपयोग में भीसावधानी रखनीचाहिए। पैराबेन्स, सल्फेट्स, डाई याअल्कोहल जैसे हानिकारक रसायनों वाले उत्पादों के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये स्किन में रूखापन बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सिर्फ तेल मालिश पर निर्भर रहने या जैतून (olive) के तेल और सरसों (mustard) के तेल को आदर्श मॉइस्चराइजर मानने जैसे मिथकों से भी दूर रहें। IAP जैतून के तेल और सरसों के तेल का उपयोग न करने की सलाह देता है,क्योंकि वे शिशु की त्वचा के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

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डायपर एरिया साफ रखें व रैशेज से बचाएं

सर्दियों के दौरान शिशु को ठंड से बचाने के लिए कई कपड़े पहनाए जाते हैं, जिससे शिशु को रैशेज होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में माता-पिता को बार-बार डायपर बदलना चाहिए। बच्चे की सफाई करते समय गीले कपड़े या गुनगुने पानी में भिगोई हुई रुई का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए ऐसे माइल्ड क्लींजर या बेबी वाइप्स का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें मॉइश्चराइजिंग तत्व हो, लेकिन ध्यान रखें कि उसमें अल्कोहल न हो।

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