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शुभ घड़ी आई...इस एक दिन में होंगी 40 हजार शादियां, यहां देखें नवंबर-दिसंबर तक विवाह मुहूर्त की पूरी लिस्ट

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Nov, 2024 04:33 PM
शुभ घड़ी आई...इस एक दिन में होंगी 40 हजार शादियां, यहां देखें नवंबर-दिसंबर तक विवाह मुहूर्त की पूरी लिस्ट

नारी डेस्क: देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत विशेष महत्व है। इसे प्रबोधिनी एकादशी  या देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है, और कार्तिक शुक्ल एकादशी को उनकी निद्रा समाप्त होती है। इस बीच के समय में शादी-ब्याह और कई अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। 

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देवउठनी एकादशी पर शुभ कार्य हो जाएंगे आरंभ 

देवउठनी एकादशी के बाद से विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों का आरंभ होता है। इसे शुभ समय का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु के जागने के बाद संपूर्ण सृष्टि में शुभता का संचार माना जाता है। इस बार देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को है, ऐसे में पहले दिन ही करीब 30 से 40 हजार तक शादियां होने का अनुमान है। 


 मैरिज हॉल, बैंक्वेट हॉल हुए बुक

बताया जा रहा है कि इस साल देवउठनी एकादशी पर सबसे ज्यादा शादियां होने जा रही हैं। इसके चलते बैंक्वेट हॉल, कम्युनिटी सेंटर, मैरिज हॉल, पार्क, बैंड बाजे और कैटरर्स से लेकर तमाम लोग बुक हो चुके हैं। इस दिन की सबसे बड़ी खासियत है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी समय विवाह कर सकता है और इसके लिए कोई अलग पूजा की जरूरत नहीं है। यही वजह है कि इस तारीख पर सबसे ज्यादा शादियां होती हैं।

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शादी विवाह के शुभ मुहूर्त

नवंबर में 16, 17, 18, 22 से 26 नवंबर तक विवाह और अन्य मांगलिक कार्य होंगे। दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14 और 15 विवाह तक शुभ मुहूर्त है। जनवरी में 16 से 22, 24, 26, 27 तक शादी विवाह का मुहूर्त रहने वाला है। फरवरी में 2, 3, 7, 8, 12, 16, 19, 21, 22, 23 और 25 फरवरी तक मुहूर्त रहेगा।  मार्च महीने में केवल शादी विवाद का मात्र 1, 2 और 6 तारीख को मुहूर्त रहेगा। 

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इस दिन किया जाता है तुलसी विवाह

देवउठनी एकादशी के दिन लोग भगवान विष्णु और तुलसी माता की विशेष पूजा करते हैं और उनका विवाह भी कराया जाता है, जिसे तुलसी विवाह कहा जाता है। इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश आदि का मुहूर्त फिर से प्रारंभ होता है, जो पूरे शीतकाल में जारी रहते हैं। इस दिन से किए गए कार्यों को घर की खुशहाली और समृद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।देवउठनी एकादशी के बाद से शुरू हुआ यह मांगलिक समय शादी-ब्याह और अन्य पारिवारिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ होता है और इसे पूरे समाज में हर्षोल्लास और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

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