22 NOVFRIDAY2024 1:14:11 AM
Nari

ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुए Mithun Chakraborty, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

  • Edited By palak,
  • Updated: 11 Feb, 2024 10:31 AM
ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुए Mithun Chakraborty, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को बीते दिन कोलकाता के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। एक्टर का स्वास्थ्य सही नहीं है। उनके स्वास्थ्य को लेकर अस्पताल ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया है कि मिथुन चक्रवर्ती के ब्रेन में इस्केमिका सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (स्ट्रोक) का पता चला है। एक्टर को दाहिने ऊपरी और निचले अंगों में कमजोरी के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन अभी उनका इलाज चल रहा है और वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (स्ट्रोक) क्या होता है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि यह बीमारी क्या है और आप इससे अपना बचाव कैसे कर सकते हैं। 

क्या होता है सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट (स्ट्रोक)

सेरेब्रोवास्कुलर एक्सीडेंट जिसको मुख्यतौर पर स्ट्रोक कहते हैं। यह ब्रेन में होता है। ब्रेन में ऑक्सीजन की कम सप्लाई होने के कारण यह समस्या होने लगती है। यदि समय पर इसका इलाज न हो तो मरीज को लकवा भी हो सकता है। हालांकि यदि समय पर लक्षणों की पहचान न की जाए तो मरीज को समस्या नहीं होती। स्ट्रोक आने के 1-2 घंटे के यदि मरीज को अस्पताल पहुंचा जाया तो उसकी जान बच सकती है। 

PunjabKesari

लक्षण 

. चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्न पन या फिर कमजोरी 
. अचानक भ्रम की स्थिति पैदा होना 
. किसी की बात समझने में कठिनाई 

PunjabKesari
. एक या दोनों आंखों में अचानक से देखने में परेशानी होना 
.चलने में कठिनाई, चक्कर आना
. अज्ञात कारण से अचानक तेज सिरदर्द 

कैसे करें बचाव? 

. स्वस्थ आहार और वजन को बैलेंस बनाए रखना 
. नियमित एक्सरसाइज

PunjabKesari
. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना
. धूम्रपान छोड़ दें। 
. शराब का सेवन सीमित ही करें। 

किसी भी उम्र में रहता है इस बीमारी का खतरा

एक्सपर्ट्स की मानें तो स्ट्रोक एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि उम्र बढ़ने के कारण इसका रिस्क ज्यादा रहता है। हाई बीपी, डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोगों को स्ट्रोक आने का खतरा ज्यादा होता है। साथ ही जो लोग स्मोकिंग करते हैं उन्हें इस बीमारी का खतरा रहता है। हालांकि स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही यदि मरीज अस्पताल में चला जाए तो इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है। 

PunjabKesari
 

Related News