
नारी डेस्क: ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद तेहरान में आक्रोश भड़क उठा है। इन हमलों को ईरान ने अपनी संप्रभुता पर सीधा हमला माना है। इसके जवाब में ईरान ने कड़ा रुख अपनाते हुए इजरायल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है जो अब एक बड़ी सैन्य झड़प का रूप लेती दिख रही है। ईरान ने जवाबी कार्रवाई के तहत इजरायल के 10 से ज्यादा शहरों पर मिसाइलें दागी हैं। इनमें इजरायल की राजधानी तेल अवीव और रणनीतिक रूप से अहम बंदरगाह शहर हाइफा जैसे इलाके भी शामिल हैं। इन हमलों में सैन्य और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है, जिससे इजरायल में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
बढ़ता तनाव: मध्य पूर्व में हालात बिगड़ते जा रहे हैं
इस जवाबी कार्रवाई के बाद मध्य पूर्व में तनाव और भी बढ़ गया है। पहले से ही अस्थिर चल रहे इस क्षेत्र में अब एक बड़े युद्ध की आशंका गहराती जा रही है। ईरान ने साफ कर दिया है कि वह अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। यह हमला उसकी सैन्य ताकत और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के एक सख्त भाषण के बाद इजरायल ने भी जवाबी मिसाइल हमला किया। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या खामेनेई खुद इजरायल के निशाने पर थे? हालांकि इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन दोनों देशों के बीच सीधा टकराव अब बेहद खतरनाक मोड़ लेता जा रहा है।
वैश्विक समुदाय में चिंता की लहर
ईरान-इजरायल टकराव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के प्रमुख देशों ने चिंता जताई है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, जबकि रूस और चीन जैसे देश दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं। इस संघर्ष का असर अब अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ारों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। तेल की कीमतों में तेजी और शेयर बाजारों में गिरावट आने लगी है।
अब यह देखना होगा कि इजरायल और अमेरिका ईरान की इस जवाबी कार्रवाई पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या यह संघर्ष अब एक पूर्ण युद्ध में बदल जाएगा या कूटनीति की कोई राह निकलेगी