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क्रिसमस, New Year के समय क्यों बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले? डॉक्टर ने बताई वजह

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 25 Dec, 2025 10:11 AM
क्रिसमस, New Year के समय क्यों बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले? डॉक्टर ने बताई वजह

नारी डेस्क: दुनिया भर में हर साल होने वाली मौतों की बड़ी वजहों में हार्ट अटैक शामिल है। खास बात यह है कि ठंड के मौसम में, खासकर क्रिसमस और न्यू ईयर के आसपास, हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जाती है। “हर साल हम क्रिसमस और नए साल के समय दिल के दौरे के ज्यादा मामले देखते हैं। वास्तव में, क्रिसमस ईव साल का सबसे ज्यादा जोखिम वाला दिन माना जाता है।”अब सवाल यह है कि आखिर छुट्टियों के दौरान ऐसा क्या होता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इसकी मुख्य वजहें और बचाव के तरीके।

हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की मुख्य वजहें

आदतों में बदलाव

छुट्टियों के दौरान लोग अपनी रोजमर्रा की हेल्दी आदतें छोड़ देते हैं। ज्यादा शराब पीना बहुत अधिक तला-भुना और भारी खाना। एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधि कम कर देना। ये सभी आदतें दिल पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देती हैं।

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बढ़ता हुआ तनाव (स्ट्रेस)

क्रिसमस और न्यू ईयर के समय लोगों पर भावनात्मक और आर्थिक तनाव बढ़ जाता है। गिफ्ट्स और खर्चों की चिंता। परिवार की जिम्मेदारियां, काम और छुट्टियों की भागदौड़, इस तरह का ज्यादा तनाव दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

ठंड का मौसम

ठंड के मौसम में शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिसे वासोकंस्ट्रिक्शन कहा जाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल की नसों में जमा प्लाक टूटने का खतरा रहता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

लक्षणों को नजरअंदाज करना

अक्सर लोग छुट्टियों के दौरान अपनी तबीयत को गंभीरता से नहीं लेते और डॉक्टर के पास जाना टालते रहते हैं। इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए

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सीने में दर्द या भारीपन

सांस लेने में तकलीफ

हाथ, कंधे, गर्दन या जबड़े में दर्द

चक्कर आना या बेहोशी

ठंडा पसीना आना

हार्ट अटैक से बचाव के आसान उपाय

छुट्टियों के दौरान भी अगर थोड़ी सावधानी बरती जाए, तो दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है। रोज थोड़ा समय निकालकर टहलें या हल्की एक्सरसाइज करें। अपनी नियमित दवाएं समय पर लें, इसके लिए फोन में रिमाइंडर लगाएं। अच्छी नींद लें और तनाव कम करने की कोशिश करें। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने की आदत डालें। सबसे जरूरी बात अगर शरीर ठीक न लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह या इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए हमेशा विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।   

 

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