मंत्रों का जप देव-देवताओं को प्रसन्न करने के साथ-साथ जीवन में चल रहें कष्टों का निवार्ण करने के लिए भी किया जाता है। मंत्रों में बहुत शक्ति होती है, इसका अर्थ ही है मन को एकागर करना। आप जिस भी ईष्ट की पूजा करते है उनके मंत्र का जाप कर सकते है। मंत्रों का पूर्ण लाभ तभी प्राप्त होता है अगर उन्हें नियमों के अनुसार किया जाए। मंत्रो का उचारण करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए, आज आपको कुछ विशेष मंत्रों का जप और उनके लाभ - विधि के बारे में बताते है जिससे आप जीवन में कष्टों से छुटकारा पा सकते है।
- सिद्धि व मोक्षदायी गायत्री मंत्र
॥ॐ भूर्भुवः स्व:तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गोदेवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
इसका अर्थ है कि प्राणस्वरुप, दुखनाशक, सुखस्वरुप, तेजस्वी, सर्वश्रेष्ठ, पापनाशक, देवस्वरुप परमपिता परमात्मा को हम अंतकरण में धारण करें। वह हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें। हिन्दु शास्त्रों में इस मंत्र को प्रथम व महामंत्र कहा गया है। यह मंत्र हर समस्या का समाधान करता है। लेकिन ध्यान रहें कि इसका जप करने वाले को शुद्ध और पवित्र रहना बहुत जरुरी है, अन्यथा ये मंत्र अपना असर छोड़ देता है।
- समृद्धिदायक मंत्र
॥ऊँ गं गणपते नमः॥
उक्त दोनों मंत्रों का जप गणेश जी को दूर्वा, चुटकीभर सिंदूर एवं घी चढ़ाकर कम से कम 108 बार करना चाहिए। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी के इस मंत्र का उचारण मांगलिक कार्यो की शुरूआत में किया जाता है। इस मंत्र के जप से कार्य में आने वाले विघ्न और बाधाओं का नाश होता है। इससे जीवन में सभी तरह के शुभ और लाभ की शुरुआत होती है।
- चिंतामुक्त मंत्र
॥ऊँ नमः शिवाय॥
इस मंत्र के निरंतर जप करने से जीवन में चिंताओं से मुक्ति में मिलती है। ये मन को शांति और शीतलता प्रदान करता है। शंकर भगवान के इस मंत्र का जप शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र चढ़ाते हुए कर सकते है। इसका जप रुद्राक्ष की माला पर करना चाहिए।
- संकंटमोचक मंत्र
॥ ऊँ हं हनुमते नमः॥
यदि आपके दिल में घबराहट, किसी बात का भय या अपने कार्य को लेकर आशंका हो तो आप इसका जप कर सकते है। इसके जप से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। कार्यों में सफलता व विजय हासिल करने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए।
- सुख, शांति व समृद्धि हेतु मंत्र
॥ऊँ नमो नारायण॥ या
॥श्रीमन नारायण नारायण हरि-हरि॥
विष्णु भगवान को पीले पुष्प एवं वस्त्र चढ़ाकर इस मंत्र का स्मरण करें। भगवान श्री हरि विष्णु को सृष्टि के पालनहार माना जाता है। इनके मंत्रों का जप करने से जीवन में खुशहाली आती है, सुख-समृद्धि का विकास होता है।
- दरिद्रतानाशक मंत्र
॥ऊँ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नमः॥
इस मंत्र सुबह शुद्ध भाव से दीप जला कर और धूप देकर 11 माला जप करना चाहिए। इस के जप से धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। विशेष तौर पर धन के आभाव को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप करना चाहिए।
- शांतिदायक मंत्र
श्री राम जय राम जय जय राम
प्रभु श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान जी भी इस मंत्र का जाप करते रहते है। राम नाम का निरंतर जप करने से मन में शांति का प्रसार होता है, चिंताएं से छुटकारा मिलता है और दिमाग शांत रहता है।
- क्लेशनाशक मंत्र
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः
इस मंत्र का नित्य जप करने से जीवन में कलह व कलेशों का अंत होता है और जीवन में खुशहाली आती है।