22 DECSUNDAY2024 5:02:13 PM
Life Style

अपना सबसे अजीज बंगला जिसे Meena Kumari को देना पड़ा एक्ट्रेस Mumtaz को Gift

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 16 Nov, 2021 11:42 AM
अपना सबसे अजीज बंगला जिसे Meena Kumari को देना पड़ा एक्ट्रेस Mumtaz को Gift

बॉलीवुड में ऐसे बहुत से लेजेंड स्टार्स हैं जिन्होंने अपनी दिलकश अदाकारी के चलते फैंस के दिलों में गहरी छाप छोड़ दी। उन्हीं में से एक थी ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी, अपनी खूबसूरत अदाकारी के दम पर मीना ने एक महिला के दर्द को सिनेमाई पर्दे पर उतारा। इसी की बदौलत उन्होंने अपनी कामयाबी का एक नायाब इतिहास रच दिया। पैसा, शोहरत, इज्जत सब कुछ कमाया लेकिन सच्चे प्यार की चाहत ने उन्हें ऐसा दर्द और गम दिया जो उनकी जान लेकर ही गया।

PunjabKesari

पैदा होने से लेकर आखिरी समय तक दुखों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और एक दिन महज 38 साल की उम्र में वह दुनिया को अलविदा कह गई। अपने दौर की महंगी एक्ट्रेसेस में शामिल मीना कुमारी इतना पैसा कमाने के बावजूद आखिरी वक्त में इतनी गरीब हो गई थी कि उनके पास अपना ही इलाज करवाने के पैसे नहीं थे  और उन्हें अपना सबसे अजीज बंगला भी उस समय की खूबसूरत एक्ट्रेस मुमताज को देना पड़ा था। चलिए इस किस्से के बारे में आज आपको बताते हैं।

 

जब उनका जन्म हुआ तो उस समय घर के हालात सही नही थे। मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था और मुंबई में वह पिता अली बक्श और मां प्रभावती देवी जो बाद में इकबाल बानो बन गई थी के घर वह पैदा हुई थीं। पिता पारसी रंगमंच के एक मँझे हुए कलाकार थे और मां भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी। मीना कुमारी की बड़ी बहन खुर्शीद जुनियर और छोटी बहन मधु (बेबी माधुरी) भी फिल्म अभिनेत्री थीं लेकिन परिवार में बहुत गरीबी थी। बेटे की चाह रखने वाले अली बक्श के घर जब तीसरी भी बेटी हुई तो वह काफी निराश हो गए । पैदा होते ही उन्होंने मीना को मुंबई के ही एक मुस्लिम अनाथाश्रम छोड़ दिया क्योंकि हालात इतने बुरे थे कि उनके पास डाक्टर की फीस भरने के पैसे नहीं थे लेकिन जैसे ही बेटी को अनाथाश्रम के बाहर छोड़कर वह आगे बढ़े तो बेटी की रोने की आवाज ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया पिता का मन पसीजा और वह वापिस अपनी नन्हीं बच्ची को लेने के लिए मुड़ गए। मीना के पूरे शरीर को चीटियां काट रही थी उन्होंने बच्ची को साफ किया और घर ले आए। समय के साथ-साथ शरीर के वो घाव तो ठीक हो गए किंतु मीना के बदकिस्मती के घावों ने आखिरी समय तक उनका पीछा नहीं छोड़ा।

PunjabKesari

गरीबी थी इसलिए महजबीं को बचपन से ही काम करना पड़ा। फिल्म "लैदरफेस" में वह बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं। फिल्म "एक ही भूल" में विजय भट्ट ने उनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया। 38 साल की उम्र तक उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्में कर लीं और उन्हें असली पहचान साल 1952 में आई फिल्म 'बैजू बावरा' से मिली। इसी फिल्म के साथ उन्हें मीना कुमारी की पहचान मिल गई।

 

33 साल तक दिन रात काम करने वाली मीना कुमारी ने एक से बढ़ कर एक फिल्मों में काम किया जिनमें दिल एक मंदिर साहब बीवी और गुलाम, पाकीजा शामिल है जिनके लिए उन्हें कई बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। प्रोड्यूसर और डायरेक्टर की चहेती बनी मीना के पास फिल्मों की लाइन लगी रहती थी। अपने करियर में तो मीना कुमारी को अपार सफलता मिली लेकिन निजी जिंदगी में अकेलेपन के दर्द ने उनका दामन कभी नहीं छोड़ा।

PunjabKesari

कहा जाता है कि ये दर्द मीना कुमारी की शादी से जुड़ा था। मीना कुमारी के पिता नहीं चाहते थे उनकी बेटी इतनी जल्दी शादी करे और वो भी ऐसे शख्स से जो पहले ही दो शादियां कर चुका हो और तीन बच्चे का पिता हो लेकिन दोनों ने 14 फरवरी, 1952 को शादी कर ली लेकिन मीना कुमारी और कमाल अमरोही की ये प्रेम कहानी बहुत कामयाब नहीं रहीं। यहां तक की दोनों का तलाक भी हो गया लेकिन बाद में दोबारा फिर निकाह हुआ लेकिन एक गम जो उन्हें खा गया वो प्यार ही था। अमरोही ने गुस्से में आकर मीना कुमारी को तीन बार तलाक कह दिया था और दोनों का तलाक हो गया था। हालांकि, बाद में पछतावा होने पर अमरोही ने मीना कुमारी से दोबारा निकाह करना चाहा, लेकिन 'हलाला' प्रथा के तहत मीना कुमारी, कमाल से दोबारा शादी तभी कर सकती थीं, जब पहले उन्हें किसी और शख्स से निकाह करना था और फिर उस शख्स को तलाक देने के बाद मीना कुमारी, कमाल से दोबारा शादी कर सकती थीं। इसी प्रथा के तहत कमाल ने मीना कुमारी की शादी अपने करीबी दोस्त अमान उल्लाह खान से करा दी थी जो जीनत अमान के पिता थे और फिर शादी के कुछ दिन बाद में उनसे तलाक कराकर कमाल ने मीना से शादी कर ली थी। मीना कुमारी इस पूरे हादसे से टूट गई थीं और इसी गम में उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया था। इसी गम में वह बीमार रहने लगी। एक वक्त ऐसा आया जब मीना कुमारी की जिंदगी तंगी में चलने लगी। उनकी हालत ऐसी हो गई कि वह एक्ट्रेस मुमताज की भी कर्जदार हो गई। इसी कर्ज को चुकाने के लिए मीना ने अपना आलीशान बंगला उनके नाम कर दिया था।

 

दरअसल, मुमताज ने मीना कुमारी के लिए फिल्म गोमती के किनारे में काम किया था। इस फिल्म में काम करने के लिए मीना को मुमताज को 3 लाख रुपए देने थे लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मीना उन्हें ये रकम नहीं चुका पाईं। हालांकि, मुमताज ने कभी उनके सामने इस कर्ज की बात नहीं की लेकिन इन पैसों का बोझ हमेशा ही मीना कुमारी के मन में बना रहा। मीना की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो उन्होंने एक दिन मुमताज को घर बुलाकर कहा, ''अब मेरा कोई भरोसा नहीं है। तुम्हारा जो 3 लाख रुपये मेरे ऊपर बाकी है, उसके बदले में मैं तुम्हें अपना कार्टर रोड पर स्थित बंगला दे रही हूं।''

PunjabKesari

खबरों की मानें तो, उस बंगले में मुमताज के भाई रहते हैं। मुमताज के भाई शाहरुख अक्सरी ने खुद एक इंटरव्यू में मीना कुमारी के गिफ्ट दिए हुए बंगले का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, मीना कुमारी कैंसर से जूझ रही थीं। उन्हें खून की उल्टियां हो रही थीं। ऐसे में उन्होंने मुमताज को बुलाकर उनका कर्ज उतारने के लिए अपना बंगला उनके नाम कर दिया था।

 

आखिरी वक्त में खबरें ऐसी आई की नींद और अपने गमों को भूलने के लिए मीना कुमारी शराब की आदी हो गई थी । शराब ज्यादा पीने के चलते ही मीना कुमारी लिवर सिरोसिस की शिकार हो गई और फिल्म 'पाकिजा' के रिलीज के कुछ ही हफ्तों बाद 31 मार्च 1972 को 39 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। एक ऐसी शख्सियत जिसने नाम कमाया, पैसा कमाया लेकिन ये सब चीजें उसे सुकून नहीं दे पाईं और इसी अधूरेपन में वो दुनिया को अलविदा कह गई।

PunjabKesari

 

Related News