डायरेक्टर महेश भट्ट हमेशा से बेबाक किस्म के इंसान रहे हैं। उनकी जिंदगी एक खुली किताब की तरह है।अपनी फिल्मों के अलावा वो अपनी पर्सनल लाइफ के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में अरबाज खान के शो The Invincibles में पहुंचे डायरेक्टर का अपनी मां को याद करते हुए दर्द छलका।
महेश भट्ट के ऊपर नहीं रहा कभी पिता का साया
अपने बचपन के बारे में बात करते हुए डायरेक्टर ने बताया, 'मेरी मां मुस्लिम थी और पिता हिंदू। दोनों ने लव मैरिज की थी। लेकिन मेरी दादी ने मेरी मां को कभी कबूल नहीं किया। मुझे याद है 1948 में जब मेरा जन्म हुआ था तो हम शिवाजी पार्क में रहते थे, वहां पर ज्यादातर लोग हिंदू थे पर मेरी मां शिया मुस्लिम थी। आजादी के बाद का वक्त था, इसलिए मेरी मां ने अपनी पहचान छुपाए रखी। वह खुद को हिंदू दिखाने के लिए साड़ी पहनती थी और टीका लगाया करती थी'। उन्होनें ये भी बताया कि उनके माता-पिता ने महेश के जन्म के समय तक शादी नहीं की थी, इसलिए लोग डायरेक्टर को नाजायाज औलाद कहते थे। वहीं उन्होनें इस बात का भी खुलासा किया कि उनके पिता नानाभाई भट्ट ने किसी और से शादी कर ली थी, उनका साया कभी भी उनके सिर के ऊपर नहीं रहा।
नशे में धुत डायरेक्टर भूल गए थे घर का रास्ता
वहीं एक वक्त पर अल्कोहलिज्म से जूझ रहे महेश ने यहां पर ये भी बताया कि आखिर कैसे उनकी शराब पीने की आदत छूटी। अरबाज ने डायरेक्टर का एक किस्सा याद करते हुए बताया कि एक बार जब वो उनके घर आए थे तो सलीम खान के साथ काफी पी ली थी। अरबाज और सलमान चाहते थे कि इतनी पीने के बाद महेश उनके घर पर ही रुक जाए लेकिन जब उन्होनें घर जाने के जिद की तो अरबाज-सलमान ने नशे में धुत डायरेक्टर को खुद से घर छोड़कर आने का फैसला किया। लेकिन महेश ने इतनी पी रखी थी कि वो घर का रास्ता ही भूल गए थे।
बेटी शाहीन के चलते छोड़ दी शराब
अरबाज का कहना है कि उनको डायरेक्टर की हालात देखकर शर्मिंदगी तो हो ही रही थी लेकिन हंसी भी आ रही थी। वहीं इस बात पर भट्ट साहब ने खुद से भी एक किस्सा याद करते हुए बताया कि एक बार वो नशे में इतना ज्यादा चूर थे कि फुटपाथ पर ही सो गए। जब उन्हें सुबह होश आया तो पैदल घर गए। वहीं महेश का कहना है कि जब उनकी बेटी शाहीन पैदा हुई तभी एक चमत्कार हुआ। महेश ने बताया, ''जब मेरी बेटी शाहीन पैदा हुई, तब मेरे में बदलाव आया। मैं जब हॉस्पिटल पहुंचा और शाहीन को अपनी गोद में उठाया । लेकिन जैसे ही मैं उसे किस करने लगा तो मुझे ऐसा लगा, जैसे उसने खुद को मुझसे दूर हटाने की कोशिश की हो। उससे शराब की बदबू बर्दाश्त नहीं हो रही थी। तब मैंने शराब पीनी छोड़ दी।"