नारी डेस्क: प्रियंका चोपड़ा की मां मधु चोपड़ा ने उस एक बात के बारे में बात की है जिसका उन्हें अब भी पछतावा है और वह आज भी उस पर विचार करती हैं। 2000 में इसी दिन प्रियंका चोपड़ा ने दुनिया में सबसे सुंदर होने का खिताब अपने नाम किया था। अपनी बेटी के इाी खास दिन को लेकर मधु चोपड़ा ने कई सारी बातें की। इतना ही नहीं उन्होंने अपने आप को मतलबी मां भी बताया।
मधु चोपड़ा "समथिंग बिगर टॉक शो" पॉडकास्ट के लिए होस्ट रोड्रिगो कैनेलस के साथ बातचीत कर रही थीं, जहां उन्होंने साझा किया कि उन्हें अपनी बेटी को सात साल की उम्र में एक बोर्डिंग स्कूल में भेजने का "अफसोस" है। अभिनेत्री की मां ने कहा- “मुझे नहीं पता, क्या मैं एक मतलबी मां थी? मुझे अब भी इसका अफसोस है, मैं अब भी इस पर रोती हूं, यह मेरे लिए भी बहुत कठिन था...लेकिन बात यह थी कि मैं हर शनिवार को अपना काम छोड़ देती थी ट्रेन पकड़कर हर शनिवार को उससे मिलने आती थी।''
मधु चोपड़ा ने बताया- शनिवार को प्रियंका मेरे आने का इंतज़ार करती थी और फिर रविवार को मैं उसके साथ रहती था। उन्होंने कहा- यह निर्णय गर्व और अफसोस दोनों से भरा है। मां से अलग रहकर वह मजबूत हुई और अपने पैरों पर खड़ी हो गईं। इसके बाद मधु ने मिस वर्ल्ड के रूप में प्रियंका की यात्रा के एक खट्टे-मीठे अध्याय पर बात की विचार किया। उन्होंने कहा- “एक चलन था कि ये सभी सौंदर्य प्रतियोगिताएं ‘नारी सोशल’ के लिए होती हैं, जो महिलाओं को एक वस्तु बनाकर उन्हें शर्मसार करती हैं। ये तमाशे अच्छे नहीं हैं, लेकिन उसने ये दुनिया जीत ली।
मधु चोपड़ा ने बताया कि प्रियंका की जीत का जश्न सीमित दायरे में आर्मी कैंट में किया गया था। उनका स्वागत समारोह केवल सैन्य क्लब में ही किया, जिसमें सैन्य अधिकारी ही थे, कोई सिविलियन नहीं था। देश के लिए इतना बड़ा खिताब जीतना, उस समय बड़ी बात थी। उसके बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा था लेकिन अपने गृह राज्य ने ही उसका उस तरीके से स्वागत नहीं किया जिसकी वो हकदार थी।
वर्ष 2000 में इसी दिन लंदन के मिलेनियम डोम में हुई इस प्रतियोगिता के फाइनल दौर में प्रियंका चोपड़ा से सवाल किया गया कि वह किस महिला को दुनिया की सबसे सफल महिला मानती हैं। इस सवाल का प्रियंका चोपड़ा ने जो जवाब दिया, उसके बाद पूरा हॉल देर तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। उन्होंने दीन दुखियों की सेवा करने वाली मदर टेरेसा को दुनिया की सबसे सफल महिला बताकर दुनिया की सबसे सुंदर महिला बनने का गौरव हासिल किया था।