जहां कई लोग मोटापे से परेशान हैं वहीं कुछ अंडरवेट की समस्या से जूझ रहे हैं। एक्सपर्ट अनुसार, मोटापे की तरह वजन कम होना भी एक गंभीर समस्या मानी जाती है। वैसे ओवरवेट और अंडरवेट होने की जानकारी बॉडी मास इंडेक्स के द्वारा जानी जा सकती है। इसके मुताबिक अगर किसी का बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से कम है तो उसे अंडरवेट की श्रेणी में गिना जाएगा। इसके साथ 25 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स आे तो इसे ओवरवेट श्रेणी में माना जाएगा। वहीं 30 के ऊपर वाले व्यक्ति को मोटापे की श्रेणी में लिया जाएगा।
एक्सपर्ट अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स किसी की लंबाई और वजन के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। ये मसल मास को गिनने का काम नहीं करता है। इसलिए हम बहुत पतले या बहुत मोटे इंसान को शारीरिक रूप से अवस्थ नहीं कह सकते हैं।
अंडरवेट होने से सेहत पर पड़ सकता हैं बुरा असर
हेल्थ एक्सपर्ट अनुसार, मोटापे की तरह अंडरवेट होना भी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। इससे जान तक जाने का खतरा रहता है। एक अध्ययन अनुसार, कम वजन होने की वजह से पुरुषों में समय से पहले मृत्यु दर 140 प्रतिशत और महिलाओं में 100 प्रतिशत अधिक खतरा रहता है। इसकी तुलना में, मोटापा से जल्दी मृत्यु का खतरा करीब 50 प्रतिशत है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि कम वजन होना सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। वजन कम होने से इम्यूनिटी व पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। ऐसे में बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस, फ्रैक्चर और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती है।
अंडरवेट होने के कारण
ईटिंग डिसॉर्डर- इसमें सबसे ऊपर एनोरेक्सिया नर्वोसा है जो एक खाने का विकार है। इसमें व्यक्ति को वजन बढ़ने का डर लगा रहता है। इसके कारण वह अपने खाने के काफी कम कर देता है। कई बार तो वजन कम करने के चक्कर में खाने के बाद उल्टी कर देता हैं। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने लगता है।
थायरॉयड- हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है, जिससे वजन कम होने का खतरा रहता है।
सीलियैक डिज़ीज़- इसमें व्यक्ति को एक गंभीर ग्लूटेन इनटॉलरेंस या एलर्जी हो जाती है। ग्लूटेन वह प्रोटीन होता है जो अनाजों में अधिक मात्रा में मौजूद होता है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति को प्रोटीन सही से हजम नहीं हो पाता है। इसतरह शरीर को प्रोटीन सही मात्रा में ना मिलने पर उसका वजन कम होने लगता है।
डायबिटीज- हेल्थ एक्सपर्ट अनुसार टाइप 1 डायबिटीज होने पर भी व्यक्ति को वजन कम होने की परेशानी सताती सकती है।
कैंसर- एक्सपर्ट अनुसार, कैंसर की गंभीर बीमारी की चपेट में आने पर कैंसर का ट्यूनर शरीर में कैलोरी जलाने का काम करता है। इसके कारण वजन कम होने की दिक्कत हो सकती है।
इंफेक्शन- गलत खानपान व कुछ संक्रमणों के कारण भी वजन घटने की समस्या हो सकती हैं। इस संक्रमणों में टीबी और एचआईवी/एड्स हो सकते हैं।
ऐसे में लगातार वजन कम होने की स्थिति में इस नजरअंदाज करने की जगह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए...
इन सुरक्षित तरीकों से पाएं सही वजन
वैसे वजन बढ़ाना ज्यादा मुश्किलभरा काम नहीं हैं। हांलाकि कि कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर व सही तरीके से सही वजन बढ़ाया जा सकता है। चलिए जानते हैं इन सुरक्षित व आसान तरीकों के बारे में...
अधिक प्रोटीन, कार्ब्स और फैट करें डाइट में शामिल करें- अगर आप दुबलेपन से परेशान हैं तो डेली डाइट में अधिक प्रोटीन, कार्ब्स और फैट शामिल करें।
खाना स्किप करने की गलती न करें- आमतौर पर लोग सुबह जल्दबाजी के चक्कर में ब्रेकफास्ट मिस कर देते हैं। मगर अगर आप अंडर वेट हैं तो खाना स्किप करने की गलती ना करें। इसी के साथ एक बार में ज्यादा खाने की जगह दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।
सही नींद लें- एक्सपर्ट अनुसार, नींद की कमी हर किसी पर अलग तरीके से असर करती है। इससे किसी को वजन बढ़ने तो कइयों को वेट कम होने की परेशानी हो सकती है। इसलिए आप वजन सही रखने व हेल्दी रहने के लिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।
खाने से पहले पानी पीने से बचें- अक्सर लोग भोजन से पहले पानी पी लेते हैं। मगर इससे भूख कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप वजन बढ़ाना चाहती हैं तो भोजन से पहले पानी पीने से बचें।
स्मोकिंग न करें- रिसर्च अनुसार, स्मोकिंग करने से वजन तेजी से कम होता है। इसके साथ वेट गेन करने में कई दिक्कते आती है। इसलिए अगर आप वजन बढ़ाने चाहते हैं तो स्मोकिंग से परहेज रखें।
रोजाना योगा व एक्सरसाइज करें- रोजाना योगा व एक्सरसाइज करने से आपकी भूख बढ़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे इम्यूनिटी व पाचन तंत्र दुरुस्त होने में आपको मदद मिलेगी।
डाइट में शामिल करें फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स- जो लोग वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहें है वे अपनी डेली डाइट में चीज, पनीर, घी, दही, दूध बटर आदि फुल पैट डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करें। इससे आपको सही वजन पाने में मदद मिल सकती है।
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